Sharad Pawar: 'महिला-हितैषी फैसलों के लिए विरोध का सामना करना पड़ा था', जानें NCP प्रमुख शरद पवार ने ऐसा क्यों कहा
NCP प्रमुख शरद पवार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर एक कार्यक्रम में अपना अनुभव साझा किया और बताया कि सरकार में रहने के दौरान उन्हें महिला-हितैषी फैसलों के लिए विरोध का सामना करना पड़ा था.
Sharad Pawar Remark on International Women's Day: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार (Sharad Pawar) ने बुधवार (8 मार्च) को याद किया कि किस तरह उन्हें सरकार में रहने के दौरान सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों को शामिल करने समेत महिला सशक्तिकरण से संबंधित फैसलों को लागू करने के दौरान कुछ पक्षों के विरोध का सामना करना पड़ा था. हालांकि, उन्होंने कहा कि जब एक प्रशासक मजबूत होता है तो नीतियां आखिरकार क्रियान्वित की जाती हैं.
पवार ने केंद्रीय मंत्री के रूप में रक्षा (1991-1993) और कृषि (2004-14) मंत्रालयों को संभाला था और अपने दशकों लंबे राजनीतिक जीवन के दौरान चार बार महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री का पद भी संभाला.
पवार ने बताया कब उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा
पवार ने याद किया कि रक्षा मंत्री के रूप में जब वह अमेरिका गए थे तो उन्हें अमेरिकी सशस्त्र बलों की एक महिला टुकड़ी की ओर से ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया था. वापस लौटने पर पवार ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ सशस्त्र बलों में महिलाओं को शामिल करने पर चर्चा की, लेकिन उन्हें इस प्रस्ताव पर विरोध का सामना करना पड़ा.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के कार्यक्रम में NCP प्रमुख ने साझा किया अनुभव
राज्यसभा सदस्य पवार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैंने एक या दो महीने बाद फिर इस मुद्दे (महिलाओं को सशस्त्र बलों में शामिल करना) पर उनके साथ चर्चा की और मुझे वही जवाब मिला. चार-पांच महीने के बाद मैंने उनसे (सेना प्रमुखों) कहा, ‘लोगों ने मुझे रक्षा मंत्री के रूप में चुना है और निर्णय लेना मेरा काम है और आपका काम इसे लागू करना है.’ अगले महीने से महिलाओं को 11 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए.’’
पवार ने कहा कि दो साल बाद उन्होंने सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों को शामिल करने पर एक रिपोर्ट मांगी और उनके संज्ञान में लाया गया कि विमान दुर्घटनाओं में कमी आई है और इस कमी का श्रेय महिला पायलटों की ओर से दिखाई गई सावधानी को दिया गया.
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