Bow and Arrow Symbol Row: महाराष्ट्र में शिवसेना के दो फाड़ होने के बाद पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर भी साफ हो गया कि धनुष और बाण चिन्ह अब एकनाथ शिंदे वाली शिव सेना के पास रहेगा. बालासाहेब ठाकरे वाली शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे को झटका लगा तो उनके सहयोगी एनसीपी चीफ शरद पवार ने उन्हें समझाया है. शरद पवार ने उद्धव से कहा है कि इस चीज को स्वीकार करें और नया चुनाव चिन्ह लें.


न्यूज वेबसाइट इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, शरद पवार ने कहा कि चुनाव आयोग के इस फैसले से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि लोगों की भावनाएं आपके साथ हैं और वो नए चुनाव चिन्ह को स्वीकार कर लेंगे. राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने कहा, “यह चुनाव आयोग का फैसला है. एक बार फैसला हो जाने के बाद कोई चर्चा नहीं हो सकती. इसे स्वीकार करें और एक नया सिंबल लें. इसका (पुराने प्रतीक का नुकसान) कोई बड़ा प्रभाव नहीं होने वाला है क्योंकि लोग (नए प्रतीक) इसको स्वीकार करेंगे.”


‘इंदिरा गांधी ने भी देखी ऐसी स्थिति’


एनसीपी नेता ने उद्धव ठाकरे को समझाते हुए कांग्रेस के पुराने दौर को याद किया और कहा, “मुझे याद है कि इंदिरा गांधी ने भी इस स्थिति का सामना किया था. कांग्रेस के पास 'दो बैलों की जोड़ी' चुनाव चिह्न हुआ करता था. बाद में उन्होंने इसे खो दिया और 'हाथ' को एक नए प्रतीक के रूप में अपनाया और लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया. इसी तरह, लोग (उद्धव ठाकरे गुट) के नए प्रतीक को स्वीकार करेंगे."


चुनाव आयोग ने चुनाव चिन्ह शिंदे गुट को दिया


चुनाव आयोग ने शुक्रवार (17 फरवरी) को उद्धव ठाकरे को झटका देते हुए शिवसेना का नाम और इसका चुनाव चिह्न 'धनुष और बाण' एकनाथ शिंदे गुट को देने का फैसला किया था. चुनाव आयोग के फैसले का शिंदे गुट ने स्वागत किया था. वहीं, उद्धव ठाकरे ने फैसले की आलोचना करते हुए इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात कही थी.


ये भी पढ़ें: Shivsena Row: 'हमारा धनुष चोरी हो गया है लेकिन मानुष हमारे साथ'- PM और चुनाव आयोग पर बरसे उद्धव ठाकरे