(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra: एनसीपी-कांग्रेस के मंत्रियों ने 4 दिन में जारी किए हजारों करोड़ के 182 सरकारी आदेश, पहले ही लग गई थी बगावत की भनक
NCP And Congress Ministers Orders: महाराष्ट्र में सत्ता हाथ से जाती देख NCP और कांग्रेस के मंत्रियों ने सिर्फ दिनों में ही हजारों करोड़ रुपये के सरकारी आदेश जारी कर दिए. कुल 182 आदेश जारी हुए.
Maharashtra Ministers Orders: महाराष्ट्र (Maharashtra) में सत्तारूढ़ शिवसेना (Shivsena) नीत महाविकास आघाड़ी (MVA) गठबंधन की नैया डूबती देख कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP) के मंत्रियों के नियंत्रण वाले विभागों की तरफ से पिछले चार दिन में हजारों करोड़ रुपये के सरकारी आदेश (Government Orders) जारी किए गए हैं. सभी आदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद हैं.
20 से 23 जून के बीच विभागों ने 182 सरकारी आदेश जारी किए, जबकि 17 जून को उन्होंने 107 ऐसे जीआर पारित किए हैं. जीआर असल में विकास संबंधी कार्यों के लिए राजकोष से पूंजी जारी करने की मंजूरी देने वाला एक अनिवार्य अनुमोदन आदेश होता है.
पहले ही भांप ली थी बगावत
एमवीए सरकार के घटक दल शिवसेना के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे बागी विधायकों के साथ असम में डेरा डाले हुए हैं. शिंदे का विद्रोह 21 जून को सुबह सामने आया, लेकिन शिवसेना के सहयोगी दल एनसीपी और कांग्रेस ने इसे पहले ही भांप लिया था, जिसके बाद इन दलों ने अपने विभागों में जीआर जारी करने की होड़ लग गई. शिवसेना के गुलाबराव पाटिल के जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग ने 17 जून को 84 से अधिक जीआर जारी किए. इनमें से अधिकतर आदेश धन की मंजूरी, प्रशासनिक मंजूरी और विभिन्न जलापूर्ति योजनाओं पर काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन से संबंधित थे. आंकड़ों के अनुसार, 20 से 23 जून के बीच, सोमवार को सबसे कम 28 आदेश जारी किए गए. अगले दिन 21 जून को 66, 22 और 23 जून को 44 और 43 आदेश जारी किए गए. इनमें 70 फीसदी से ज्यादा एनसीपी और कांग्रेस नियंत्रित विभागों ने ही जारी किए हैं.
इन विभागों से सर्वाधिक आदेश
एनसीपी के हाथ में सामाजिक न्याय, जल संसाधन, कौशल विकास, आवास विकास, वित्त और गृह जैसे विभागों ने अधिकतम जीआर जारी किए हैं. कांग्रेस ने अपने नियंत्रण वाले आदिवासी विकास, राजस्व, पीडब्ल्यूडी, स्कूली शिक्षा, ओबीसी और मत्स्य पालन आदि विभागों के जीआर जारी किए हैं.
बीजेपी ने आदेश जारी करने पर रोक की मांग की
बीजेपी नेता प्रवीण डारेकर ने शुक्रवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से जीआर जारी किए जाने की इस होड़ पर लगाम लगाने का अनुरोध किया है. राज्यपाल को लिखे खत में डारेकर ने लिखा, बीते 48 घंटे में एमवीए सरकार ने 160 जीआर जारी किए हैं, यह संदेहास्पद लगता है.
कोंकण छोड़ पूरे महाराष्ट्र में उद्धव के पैरों तले खिसकी सियासी जमीन
शिवसेना का गढ़ कहे जाने वाले कोंकण के रत्नागिरी- सिंधुदुर्ग जिले को छोड़ दें तो शेष महाराष्ट्र से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पैरों से सियासी जमीन खिसक चुकी है. कोंकण के अलावा पश्चिम महाराष्ट्र, विदर्भ और मराठवाड़ा में अब उद्धव के खेमें में गिने-चुने विधायक ही रह गए हैं. वहीं, मुंबई से भी पांच विधायकों ने बागी रुख अख्तियार कर उद्धव की परेशानी बढ़ा दी है. कोंकण के रायगढ़ जिले के सभी तीन विधायकों महेंद्र दलवी (अलीबाग), भरत गोगावले (महाड) और महेन्द्र थोरवे (कर्जत) ने बागी गुट के साथ गुवाहाटी में डेरा डाल रखा है. इससे रायगढ़ जिले में शिवसेना की दीवारे चिटकने लगी है.
वहीं, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग जिले से सात विधायकों में से दीपक केसरकर और योगेश कदम बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे के साथ हैं. मुंबई से सटे ठाणे और पालघर जिले के शिवसेना विधायक पहले ही सूरत होते हुए गुवाहाटी पहुंच चुके हैं. मुंबई में शिवसेना का खासा बर्चस्व है फिर भी महानगर के 13 में से पांच विधायक प्रकाश सुर्वे (मागाठणे), यामिना जाधव (भायखला), मंगेश कुडालकर (कुर्ला), सदा सरवणकर (माहिम) और दिलीप लांडे (चांदिवली) शिंदे गुट में शामिल हो चुके हैं. पश्चिम महाराष्ट्र में भी एकनाथ शिंदे के गुट का पलड़ा भारी है. पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सातारा, सांगली और सोलापुर जिले में शिवसेना के पांच विधायक हैं और सभी बागी हो चुके हैं. सातारा जिले से शंभुराज देसाई (पाटण) और महेश शिंदे (कोरेगांव), सांगली से अनिल बाबर (खानापुर), बगावत का झंडा बुलंद कर रखा है.
बगावत : गूगल सर्च में टॉप पर शिवसेना नेता शिंदे
शिवसेना (Shivsena) नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की बगावत भारत ही नहीं दुनियाभर में हिट हो गई है. इस वक्त कई देशों के लोग इंटरनेट (Internet) पर उनके बारे में सबसे ज्यादा जानकारियां तलाश रहे हैं. 33 देशों में पिछले तीन दिनों में जिन पांच नेताओं के बारे में सबसे ज्यादा गूगल सर्च (Google Search) किया गया, उनमें से एक शिंदे भी हैं. पाकिस्तान (Pakistan) और सऊदी अरब में आलम यह है कि 50 फीसदी से ज्यादा यूजर्स अकेले शिंदे के बारे में जानना चाह रहे हैं, जिसके चलते वे वहां टॉप ट्रेंड (Top Trend) बन गए. पाक में तो पिछले तीन दिनों से शिंदे ही छाए हुए हैं. इसके अलावा थाईलैंड, कनाडा, नेपाल, मलयेशिया, बांग्लादेश और जापान जैसे देशों में भी बागी नेता को लेकर दिलचस्पी नजर आ रही है.
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