NCP Crisis: '...20 हजार ऐसे एफिडेविट ढूंढे', शरद पवार खेमे ने अजित गुट पर लगाया गलत हलफनामे दायर करने का आरोप, EC से की कार्रवाई की मांग
Maharashtra Politics: चुनाव आयोग में गुरुवार (9 नवंबर) को शरद पवार बनाम अजित पवार मामले की सुनवाई हुई. शरद खेमे के वकील ने कहा कि अजित पवार के गुट की ओर से कई फर्जी हलफनामे दायर किए गए हैं.
Sharad Pawar Vs Ajit Pawar: एनसीपी के दो धड़ों शरद पवार बनाम अजित पवार समूह के मामले की सुनवाई गुरुवार (9 नवंबर) को चुनाव आयोग में हुई. सुनवाई के बाद शरद पवार गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि अजित पवार खेमे की ओर से आयोग में फर्जी एफिडेविट फाइल किए गए हैं. उन्होंने दावा किया कि ऐसे करीब 20 हजार हलफनामे अजित गुट की ओर से दायर किए गए हैं.
शरद पवार खेमे के वकील ने ये कहा
शरद पवार गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मीडिया से कहा, ''अभी हमारी लगभग सुनवाई खत्म हुई है चुनाव आयोग में, हमारी तरफ से जवाबदेही पहली बार शुरू हुई और हमने कुछ बहुत ही चौंका देने वाले, बहुत ही अजीबोगरीब चीजें, तथ्य चुनाव आयोग के सामने रखे.''
सिघवी ने कहा, ''मुख्य बात यह थी कि जो दस्तावेज याचक ने चुनाव आयोग में फाइल किए थे, हमने लगभग 20 हजार ऐसे एफिडेविट ढूंढे हैं, हमने 8,900 एफिडेविट की चार्ट बनाकर दी माननीय चुनाव आयोग को, जिसमें पूरी तरह से भ्रष्ट तरीके से, विकृत तरीके से, दस्तावेज और हलफनामों में अनेकों प्रकार की त्रुटियां हैं, जो दिखाता है कि ये फोर्जरी है, ये फ्रॉड है.''
वकील सिंघवी ने बताया कैसे एफिडेविट किए गए फाइल
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ''उदाहरण के तौर पर एक कैटेगरी है, जहां का व्यक्ति विशेष मृत है, जिसकी मृत्यु हो गई है उसका भी एफिडेविट डाला गया है. दूसरा उदाहरण है कि एक व्यक्ति माइनर है, यानी अल्पायु का है, 18 वर्ष से कम है, एफिडेविट डाला गया है.''
उन्होंने कहा, ''तीसरी कैटेगरी है, कई ऐसे एफिडेविट हैं, जिसमें जो पद लिखा है एनसीपी का, वो पद कहीं जानता ही नहीं है एनसीपी, एनसीपी के संविधान में नहीं है, कभी लागू नहीं हुआ. चौथी कैटेगरी है, जिसमें हमने दिखाया कि सिर्फ हाउस वाइफ लिखकर फाइल कर दिया है इत्यादि...''
'...अजित पवार फैक्शन के पास कोई समर्थन नहीं है'
सिंघवी ने कहा, ''इस प्रकार से हमने 24 कैटेगरी बनाईं, ये कैटेगरी दर्शाती हैं कि ये सिर्फ मिथ्या प्रचार है, फ्रॉडुलेंट एफिडेविट्स हैं. एफिडेविट बनाए गए हैं सिर्फ एक झूठे केस को समर्थन देने के लिए और इसका मतलब ये हुआ कि अजित पवार फैक्शन के पास कोई समर्थन नहीं है.''
वकील सिंघवी ने आगे कहा, ''ये बहस और दलील 20 तारीख को चलेगी लेकिन हमने साथ-साथ मांग की माननीय चुनाव आयोग से कि ये इतना गंभीर है, इतना व्यापक है कि यह अति आवश्यक कि आप इसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करें...'' उन्होंने यह भी कहा, ''हमें आशा और विश्वास है कि सत्य की विजय होगी.''
2 जुलाई को चाचा से बगावत कर महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए थे अजित पवार
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल एनसीपी में शरद पवार के खिलाफ बगावत करने से दो दिन पहले यानी 30 जून को अजित पवार ने चुनाव आयोग से संपर्क करके पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावा किया था.
उन्होंने करीब 40 विधायकों के समर्थन की बात कही थी. उन्होंने खुद को एनसीपी का अध्यक्ष घोषित कर दिया था. अजित पवार 2 जुलाई को बीजेपी और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. शरद पवार अपने भतीजे अजित के इस कदम का लगातार विरोध करते आ रहे हैं.
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