लोकसभा चुनाव 2024 में कैसे होगा MVA में टिकटों का बंटवारा? एनसीपी नेता अजित पवार ने बताया फॉर्मूला
Loksabha Elections 2024: एनसीपी (NCP) नेता शिरुर की लोकसभा सीट पर फैसला वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा के बाद लिया जाएगा. एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास आघाडी (MVA) की सरकार बनाई थी.
Loksabha Elections 2024: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने सोमवार (5 जून) को टिकट बंटवारे को लेकर बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे के दौरान ‘जीत की संभावना’ के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि शिरुर लोकसभा सीट पर फैसला वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा के बाद लिया जाएगा. इस सीट का मौजूदा समय में एनसीपी के अमोल कोल्हे प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव में कोल्हे ने शिवसेना के शिवाजीराव अधलराव पाटिल को हराया था. इस चुनाव में बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन था. पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शिवसेना ने मुख्यमंत्री के मुद्दे पर बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ दिया और एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास आघाडी (MVA) की सरकार बनाई थी.
पार्टी कार्यकर्ताओं को लगाई फटकार
एनसीपी की समीक्षा बैठक से इतर पवार संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. इस बैठक में 9 जून को पार्टी के स्थापना दिवस पर अहमदनगर में आयोजित रैली की तैयारियों को लेकर भी चर्चा की गई. एनसीपी नेता ने कहा, "लोकसभा चुनाव के लिए टिकटों का बंटवारा करते समय उन उम्मीदवारों को मौका दिया जाएगा जिनकी जीत की संभावना अधिक होगी." समीक्षा बैठक के दौरान पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं को फटकारते हुए कहा कि अगर इकाई में अंतर कलह जारी रहा तो वह कार्रवाई करेंगे.
'आपसी लड़ाई के कारण हमारी छवि खराब हो रही है'
अजित पवार ने कहा, "मुलशी (पुणे की तहसील) के सभी एनसीपी पदाधिकारियों को काम करना चाहिए. मुलशी के पार्टी कार्यकर्ताओं को पद दिए गए हैं और उन्हें लड़ने की जरूरत नहीं है वरना मैं थप्पड़ लगा दूंगा. आपसी लड़ाई की वजह से हमारी छवि खराब हो रही है, आपकी नहीं. शरद पवार साहब की छवि का अपमान हो रहा है. यह किस तरह का व्यवहार है? मैं आपको दिए गए पद वापस ले लूंगा."
'सभी अब फैसले के बारे में जानते हैं'
ओबीसी कोटे के मुद्दे पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए पवार ने कहा कि वह एमवीए की सरकार थी, जिसने इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया था. उन्होंने कहा, "जब सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण (निकाय चुनाव में) को मंजूरी दी तब हमारी टीम वहां गई और उनकी तरफ से अपनाई गई रणनीति पर चर्चा की. इसके बाद हमने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा और सभी अब फैसले के बारे में जानते हैं."
9 मई को मंत्रिमंडल में 18 मंत्रियों को शामिल किया गया
अजित पवार ने मंत्रिमंडल विस्तार में देरी को लेकर भी राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा, "क्या उनका (राज्य सरकार) विशेषाधिकार है. वे सोचते हैं कि 20 मंत्रियों का मंत्रिमंडल अच्छा काम कर रहा है. वे महसूस करते हैं कि मंत्रिमंडल में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व नहीं देना उचित है." बता दें कि, पिछले साल जून में शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार के शपथ लेने के बाद 9 मई को मंत्रिमंडल में 18 मंत्रियों को शामिल किया गया था जबकि कुल मंत्री पदों की संख्या 43 है.
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