Nawab Malik Money Laundering Case: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके नवाब मलिक और उनके परिवार की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार मालिक की और उनके परिवार से जुड़ी संपत्ति जब्त करने की अनुमति प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मिल गई है.


ईडी ने इसी साल फरवरी महीने में नवाब मालिक को कथित तौर से अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के साथ साजिश रचकर कुर्ला इलाक़े में स्थित 3 एकड़ में फैला गोवा वाला कंपाउंड अपने कब्जे में लेने का आरोप है. इस मामले में अप्रैल के महीने में ईडी ने गोवा वाले कंपाउंड के साथ साथ कुर्ला पश्चिम में तीन फ्लैट, बांद्रा पश्चिम में दो फ्लैट और महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में 147 एकड़ कृषि भूमि को प्रोविजनली अटैच  किया था.  ईडी को इन संपत्तियों को जब्त करने की इजाज़त मिल गई है.


ईडी ने किया यह दावा
जिन संपत्तियों को ईडी ने जब्त किया वो नवाब मालिक, उनके परिवार के सदस्य, सॉलिडस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और मालिक इंफ़्रास्ट्रक्चर के नाम पर है. ईडी की टीम अब अपने कानूनी सलाहकारों से बात कर रही है ताकि इन प्रॉपर्टी को जल्दी से अपने कब्जे में ले सके. नवाब मालिक फिलहास जेल कस्टडी में है. उनका एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है.


ईडी का दावा है की हसीना पारकर और उसके साथ काम करने वाला सलीम पटेल और सरदार खान (1993 मुंबई धमाकों का दोषी) और मलिक ने मिल कर साजिश रच कर गोवा वाला कंपाउंड को अपने कब्जे में ले लिया था. यह कंपाउंड मुनिरा प्लंबर नाम की महिला के नाम से हुआ करती थी.


सलीम पटेल पर यह है आरोप 
दावा यह भी है की प्लंबर ने साल 1999 में सलीम पटेल को पॉवर ऑफ अटॉर्नी दी थी जिसमे था की वो उनकी जमीन पर होने वाले अवैध कब्जे को छुड़ाएं लेकिन पटेल ने पारकर के साथ मिलकर इस कंपाउंड को हथिया लिया. पटेल पर आरोप है कि उसने पॉवर ऑफ अटॉर्नी  का गलत इस्तेमाल कर हसीना पारकर के निर्देश पर इस संपत्ति को मलिक की कंपनी सॉलिडस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया.


ईडी ने जांच में पाया की मलिक ने गोवा वाला कंपाउंड को किराए पर दिया था. फिर इसी पैसों का इस्तेमाल कर उन्होंने कुर्ला और बांद्रा में 5 फ़्लैट और उस्मानाबाद में एक कृषि भूमि खरीदी थी.


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