Lok Sabha Proceedings: संसद का मानसून सत्र चल रहा है और दोनों ही सदनों में काफी ज्यादा हंगामा देखने को मिल रहा है. बजट पेश किए जाने के बाद इस पर चर्चा के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में काफी ज्यादा हंगामा हुआ है. लोकसभा में गुरुवार (25 जुलाई) को भी शोर-शराब देखने को मिला. हालांकि, इसकी वजह बजट पर चर्चा नहीं, बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे, जिनका नाम लेने पर सदन में बवाल मच गया.  


दरअसल, महाराष्ट्र की रायगढ़ सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित गुट) के नेता सुनीत दत्तात्रेय लोकसभा में बोल रहे थे. उनके बोलने के दौरान ही विवाद खड़ा हो गया. वह अपने भाषण के दौरान दूसरी सीट पर बैठने लगे, जिसे लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद कल्याण बनर्जी ने विरोध दर्ज करवाया. बनर्जी ने कहा कि सुनील दत्तात्रेय को घूम-घूम कर बोलने की इजाजत नहीं है. हालांकि, विवाद की शुरुआत सिर्फ इसे लेकर ही नहीं हुई. 


नेहरू का जिक्र होने पर भड़का विपक्ष


अपने भाषण के दौरान सुनील दत्तात्रेय सरकार की तारीफ करने लगे. वह बताने लगे कि किस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर देश की 140 करोड़ जनता ने भरोसा जताया है. इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जिक्र किया, जिस पर विपक्षी सांसदों ने विरोध जताना शुरू कर दिया. विपक्षी सांसदों में से एक को ये कहते हुए सुना गया, 'ये क्या बोल रहे हैं...?' इस पर एनसीपी सांसद कहते हैं कि मैंने क्या बोला है. 



जब सदन में खड़े हुए रक्षा मंत्री


एनसीपी सांसद दत्तात्रेय के बयान को लेकर काफी ज्यादा हंगामा होने लगा. स्पीकर की सीट पर बैठे जगदम्बिका पाल को बीचबचाव करना पड़ा. वह लगातार विपक्षी सांसदों खासतौर पर कल्याण बनर्जी से कहते रहे कि आप बैठ जाइए. इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी खड़े हो गए. फिर स्पीकर कहते हैं, 'माननीय रक्षा मंत्री आप बैठ जाएं.' वह लगातार रक्षा मंत्री से बैठने की गुजारिश करते रहते हैं. मगर विपक्ष के लगातार विरोध के बाद सदन को स्थगित करना पड़ा. 


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