महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सोनिया गांधी से मिले शरद पवार, करीब 50 मिनट तक चली बैठक
Maharashtra government formation: सोनिया गांधी और शरद पवार की इस मुलाकात के बाद अब महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार के गठन से जुड़ी तस्वीर साफ हो सकती है.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर उनसे मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं ने साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर चर्चा की. सूत्रों का कहना है कि सोनिया और पवार की इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार के गठन से जुड़ी तस्वीर साफ हो सकती है. शरद पवार मुलाकात और महाराष्ट्र की राजनीतिक गतिरोध पर थोड़ी देर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं.
बैठक को लेकर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''शरद पवार ने आज कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की और उन्हें महाराष्ट्र की स्थिति के बारे में जानकारी दी. यह तय किया गया कि एक या दो दिन में, एनसीपी और कांग्रेस के प्रतिनिधि दिल्ली में बैठक कर आगे के रुख पर चर्चा करेंगे.''
Sh. Sharad Pawar met the Congress President today and briefed her on the situation in Maharashtra. It was decided that in a day or two, representatives from NCP & Congress will meet in Delhi to discuss the way forward
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 18, 2019
शिवसेना का दावा
बता दें कि शिवसेना ने कहा है कि तीनों पार्टियां साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर सहमत हो गई हैं और जल्द सरकार बन जाएगी. बता दें कि बीजेपी से मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर कई दिनों तक चली खींचतान के बाद शिवसेना ने 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ लिया. अब पार्टी कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बनाने की कोशिश में जुटी है.
सोनिया गांधी के साथ अपनी मुलाकात से पहले शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन का दावा कर रहे सभी दलों को 'अपना रास्ता चुनना' होगा. उन्होंने कहा, “बीजेपी-शिवसेना साथ लड़े, हम (राकांपा) और कांग्रेस साथ मिलकर लड़े. उन्हें अपना रास्ता चुनना है और हम अपनी राजनीति करेंगे.”
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महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं और बहुमत के लिये जरूरी आंकड़ा 145 विधायकों का है. बीजेपी और शिवसेना ने क्रमश: 105 और 56 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा आसानी से हासिल कर लिया था लेकिन मुख्यमंत्री पद पर साझेदारी को लेकर दोनों में सहमति नहीं बनी और सरकार भी नहीं बन पाई.
कांग्रेस और एनसीपी के बीच भी चुनाव पूर्व गठबंधन था और उन्होंने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं. महाराष्ट्र में किसी भी दल की तरफ से सरकार बनाने के लिए दावा नहीं किए जाने के बाद राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है.
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