मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को दावा किया कि गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख और दो अन्यों के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में सभी 22 आरोपियों को बरी करना आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि मामले का नतीजा पहले से ही तय था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि मामले में कई गवाह दबाव के चलते मुकर गए और कुछ न्यायाधीशों के हाथ से मामले ले लिए गए.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि मामले की छानबीन करने वाली सीबीआई को तत्काल उच्च न्यायालय में अपील करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘सोहराबुद्दीन मामले में सभी 22 आरोपियों को बरी करना आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि मामले का परिणाम पहले से ही तय था. ऐसी स्थिति पैदा की गई कि दबाव के चलते 85 गवाह मुकर गए. कुछ न्यायाधीशों से भी मामले ले लिए गए. सीबीआई को उच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए.’’
सीबीआई की विशेष अदालत ने गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और सहयोगी तुलसी प्रजापति की कथित फर्जी मुठभेड़ में हत्या किए जाने के मामले में पर्याप्त सबूतों के अभाव में सभी 22 आरोपियों को शुक्रवार को बरी कर दिया.
सीबीआई के विशेष जज एस. जे. शर्मा ने अपने फैसले में कहा कि अदालत को शेख और प्रजापति परिवारों के लिए दुख है क्योंकि तीन लोगों की जान गई, लेकिन व्यवस्था की मांग है कि अदालत पूरे तौर पर सिर्फ साक्ष्यों के आधार पर काम करे. गुजरात और राजस्थान पुलिस के 21 कर्मियों सहित सभी 22 आरोपी करीब एक साल तक चली सुनवाई के दौरान जमानत पर बाहर थे.