Maharashtra: शिंदे सरकार को घेरने की तैयारी में जुटी NCP, शरद पवार ने बताई रणनीति
Maharashtra NCP Politics: लोकसभा चुनावों से पहले NCP ने जमीनी स्तर पर पकड़ मजबूत बनाने का अभियान छेड़ दिया है. शरद पवार के पोते की अगुवाई में 800 किमी लंबी 'युवा संघर्ष यात्रा' निकाली जा रही है.
Maharashtra NCP Politics Crisis: आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर महाराष्ट्र (Maharashtra) में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो फाड़ होने के बाद अब शरद पवार गुट (Sharad Pawar Faction) सूबे में अपनी पकड़ को मजबूत बनाने के लिए मैदान में उतर गया है.
एनसीपी विधायक और शरद पवार के पोते रोहित पवार की अगुवाई में राज्य के 13 जिलों में 'युवा संघर्ष यात्रा' निकाली जाएगी. करीब 800 किलोमीटर का लंबा सफर तय करने वाली यह यात्रा राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान नागपुर में समाप्त होगी.
शरद पवार ने दिखाई हरी झंडी
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार (24 अक्टूबर) को कहा कि अगर सरकार में शामिल लोग सत्ता अपने हाथ में रखना चाहते हैं तो वे महाराष्ट्र में 'युवा संघर्ष यात्रा' निकाल रहे युवाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते.
राज्य के युवाओं के सामने आने वाले मुद्दों को उजागर करने के मकसद से पुणे से नागपुर तक निकाले जाने वाले पैदल मार्च को शरद पवार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह पैदल मार्च 45 दिवसीय होगा.
'सरकार ने कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारियों की भर्ती का फैसला वापस लिया'
पार्टी चीफ पवार ने कहा कि यह मार्च राज्य के युवाओं को प्रोत्साहित करेगा. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि युवा संघर्ष यात्रा से बदलाव और उनकी मांगों को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू होगी. उन्होंने यह भी कहा कि इस यात्रा का सबसे अच्छा उदाहरण यह है कि जैसे ही आपने (यह मार्च) शुरू करने का फैसला किया, सरकार ने कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारियों की भर्ती का फैसला वापस ले लिया.
'युवाओं के मार्च को नजरअंदाज करने पर चुकानी होगी बड़ी कीमत'
पवार ने यह भी कहा कि यात्रा के नागपुर पहुंचने तक अगर सरकार में बैठे लोग सत्ता को हाथों में रखना चाहते हैं तो वे शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से इसको निकालने वाले युवाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते. अगर सरकार युवाओं के मार्च को नजरअंदाज करेगी तो उनको इसकी बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ेगी.
आमदार श्री. रोहित पवार यांनी सुरुवात केलेल्या महाराष्ट्रातील तमाम युवकांना विश्वास आणि बळ देणाऱ्या ‘युवा संघर्ष यात्रा’ याला आजपासून पुण्यातून सुरुवात झाली. यावेळी उपस्थित सर्व तरुण युवकांना मार्गदर्शन केले.
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) October 24, 2023
सन्माननीय व्यासपीठ लोकसभा आणि राज्यसभेचे सर्व उपस्थित मान्यवर… pic.twitter.com/unFC0JGEvQ
'वसूल की ज्यादा फीस वापस करने की मांग'
एनसीपी नेता ने यह कहा कि युवाओं की मांगों के चार्टर में यह भी शामिल है कि शैक्षणिक संस्थान अत्यधिक फीस नहीं वसूलें. बच्चों के माता-पिता से ली गई अतिरिक्त फीस को वापस किया जाए. इसके अलावा स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों और प्रोफेसरों के रिक्त पड़े पदों पर जल्द भर्ती करने की मांग भी इसमें शामिल है.
'आईटी क्षेत्रों को विकसित करने की जरूरत'
वहीं यह सभी भर्तियां एमपीएससी प्रक्रिया के जरिए की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि छत्रपति संभाजीनगर, सोलापुर, कोल्हापुर और अमरावती जैसे दो-स्तरीय शहरों में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों का विकास किया जाना चाहिए.
'इन योजनाओं को वापस ले सरकार'
इसके अलावा स्कूल गोद लेने की योजना और क्लस्टर स्कूल परियोजना को वापस लेने की मांग भी की गई है. वहीं, परीक्षा पेपर लीक के खिलाफ कानून बनाना, 2,50,000 से अधिक उम्मीदवारों (विभिन्न विभागों में) की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने और छात्रों को दिए गए शिक्षा ऋण पर ब्याज माफ करने की मांगों को भी संघर्ष यात्रा के चॉर्टर में शामिल किया गया है.
'मांगी पूरी होंगी तो सीएम को देंगे बधाई'
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से संबंधित मांगों पर निर्णय लेने की समयसीमा के बारे में पूछा जाएगा और अगर मांगें पूरी हुईं तो सीएम को बधाई दी जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर काम नहीं हुआ तो तय करेंगे कि क्या करना है? उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य के मुख्यमंत्री इन सभी मुद्दों को गंभीरता से देखेंगे और समाधान करेंगे.
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