मुंबई: जिस तरह से महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस एक साथ हैं उसी तरह से एनसीपी चाहती है कि तीनों ही पार्टियां साल 2022 में होने जा रहा मुंबई महानगर पालिका का चुनाव भी एक साथ मिलकर लड़ें. एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने आज ये बयान दिया. महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार तीन विपरीत विचारधाराओं की पार्टियों के एक साथ आने से बनी है.
बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस ने पिछले साल नवंबर में गठबंधन करके सरकार बनाई. जिसके मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बने. अब इसी फॉर्मूले को आगे होने जा रहे तमाम चुनाव में भी अपनाने की कवायद हो रही है. इस साल होने जा रहे नवी मुंबई महानगर पालिका के चुनाव में बीजेपी के खिलाफ शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं. इसके अलावा दो साल बाद होने जा रहे मुंबई महानगर पालिका के चुनाव भी इसी फॉर्मूले के आधार पर एनसीपी लड़ना चाहती है.
मुंबई महानगरपालिका देश की सबसे अमीर महानगरपालिका मानी जाती है. इसका बजट कई छोटे राज्यों के बजट से भी बड़ा होता है. बीते करीब 3 दशकों से मुंबई महानगरपालिका पर शिवसेना का ही कब्जा रहा है. पत्रकारों से बातचीत करते हुए एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि आने वाले 1 मार्च को मुंबई के सोमैया ग्राउंड में उनकी पार्टी का कार्यकर्ता मार्गदर्शन सम्मेलन होगा. जिसे पार्टी प्रमुख शरद पवार संबोधित करेंगे.
इस सम्मेलन में इस बात पर चर्चा होगी कि मुंबई में पार्टी का विस्तार कैसे किया जाए और आने वाले मुंबई महानगर पालिका के चुनाव के लिए किस तरह की तैयारी हो. मलिक ने बताया कि उनकी पार्टी मुंबई की सभी 227 सीटों पर खुद के दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं लेकिन एनसीपी चाहती है कि जैसे महाराष्ट्र सरकार बनाने के लिए तीनों ही पार्टियां एक साथ आई हैं उसी तरह से मुंबई महानगरपालिका इस चुनाव में भी तीनों पार्टियों को एक साथ आना चाहिए.
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