Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो मामले में गुजरात (Gujarat) सरकार द्वारा 11 दोषियों की रिहाई के विरोध में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की महिला कार्यकर्ताओं ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया. एनसीपी की ठाणे-पालघर इकाई की महिला कार्यकर्ताओं ने शिवाजी स्क्वायर पर प्रदर्शन किया और केंद्र व गुजरात सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. एनसीपी की महिला कार्यकर्ताओं ने कहा कि इन दोषियों की रिहाई ऐसे समय में हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में महिलाओं को सशक्त बनाने और सम्मान करने की बात कही है.
बता दें कि, गुजरात की गोधरा उप-जेल से 15 अगस्त के दिन इन 11 दोषियों की रिहाई थी जिसके बाद विपक्षी नेताओं से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने केंद्र व गुजरात सरकार की आलोचना की है. मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 21 जनवरी, 2008 को बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों के सामूहिक बलात्कार और हत्या के आरोप में 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा. दोषियों ने जेल में 15 साल से ज्यादा समय की सजा काट ली है.
मार्च 2002 का है मामला
गौरतलब है कि 3 मार्च 2002 को गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान बिलकिस बानो के परिवार के सदस्यों पर भीड़ ने हमला किया था. बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या की गई थी. बिलकिस बानो तब पांच महीने की गर्भवती थी. मारे गए लोगों में उनकी तीन साल की बेटी भी थी.
15 अगस्त को दोषियों को किया गया रिहा
इस मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले सभी ग्यारह दोषियों को 15 अगस्त को गुजरात (Gujarat) की गोधरा उप-जेल से रिहा कर दिया गया था. गुजरात सरकार ने अपनी छूट नीति के तहत उनकी रिहाई की अनुमति दी थी. इन दोषियों के जेल से रिहा होने के बाद कुछ लोगों ने इनका स्वागत किया था और मिठाई भी खिलाई थी.
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