नेशनल कमिशन फ़ॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो का ट्विटर के खिलाफ दर्ज मुकदमे को लेकर कहना है कि ट्विटर पर अश्लील सामग्री और बच्चों की वल्नरेबलीटी के मामले में कमीशन ने अलग-अलग इंक्वायरी की है.


उन्होंने बताया कि, एक मामला ऐसा है कि एक बच्चे का फोटो ट्विटर पर डाला गया और फिर  उसको रेप ट्रेड यूजर ने रेप थ्रेड दिए. इस मामले में कार्रवाई करने के लिए हमने ट्विटर को लिखा था और पहले भी एक एफआईआर हुई है लेकिन ट्विटर का रवैया इस पर बेहद असंवेदनशील था. साथ ही भारतीय कानूनों को मानने को तैयार नहीं था.


प्रियंक कानूनगो ने एक और मामले का जिक्र करते हुए बताया कि, ट्विटर पर डार्क वेब की लिंक्स और पोर्नोग्राफी कंटेंट था. भारत में दुनिया का सबसे सशक्त कानून है Pocso एक्ट जो बच्चो को पोर्नोग्राफी कंटेंट से दूर रखने के लिए बहुत स्ट्रिक्ट प्रोविशन करता है धारा 11 में. हमने इन दोनों मामलों में ट्विटर से बातचीत की तो ट्विटर ने हमको बताया कि कांटेक्ट और यूजर दोनों नियंत्रण करने का काम टि्वटर आईएनसी करती है जो कि अमेरिकन कंपनी है.


ट्विटर कम्युनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में 99% शेयर ट्विटर अमेरिका ने ले रखे हैं- प्रियंक कानूनगो


प्रियंक कानूनगो बोले, ट्विटर कम्युनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड जो भारतीय कंपनी है उसका टि्वटर आईएनसी से कोई वास्ता नहीं है कि वह सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट पर कुछ काम करती है. यही बात मिनिस्ट्री ऑफ आईटी के थ्रू भी जब हम ने जानने की कोशिश की तो उन्होंने हमें बताई. हमें यह भी पता चला के ट्विटर कम्युनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में 99% शेयर ट्विटर अमेरिका ने ले रखे हैं.


हम अगले हफ्ते से सक्षम न्यायालय में जाएंगे- प्रियंक कानूनगो


उन्होंने कहा, ट्विटर अमेरिका के दो कर्मचारी टि्वटर इंडिया में डायरेक्टर के तौर पर हैं तो यह तो कमीशन की इंक्वायरी में झूठ बोलना हुआ, जो कि अपराध है. हम ने दिल्ली पुलिस को इस पूरे मामले पर सक्षम कार्रवाई करने को कहा है. आज डीसीपी दिल्ली साइबर क्राइम हमारे सम्मन पर आए थे उन्होंने हमें अवगत करवाया है की पॉर्नोग्राफिक कंटेंट के पूरे मामले पर उन्होंने 1 एफआईआर दर्ज की है. हमें सलाह दी है कि हम सक्षम न्यायालय में ट्विटर के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए जाएं. हमारी लीगल टीम से सलाह करने के बाद हम अगले हफ्ते से सक्षम न्यायालय में जाएंगे.


विदेशों में कानून के हिसाब से 15 साल की उम्र के बाद बच्चे पॉर्नोग्राफी कंटेंट देख सकते हैं लेकिन भारत में 18 वर्ष की आयु तक बच्चों को पॉर्नोग्राफी कंटेंट दिखाना अपराध है. साथ ही भारत में भारत का कानून मानना पड़ेगा. इसके लिए हम सख्त से सख्त कार्यवाही इस दिशा में कर रहे हैं.


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यह पूरा विषय सिर्फ मुकदमे दर्ज करवाने या कानून का उपयोग करना अकेले इतना नहीं है वस्तुतः यह बच्चों की बात है सभ्यताओं का संघर्ष है. हम अपनी सभ्यता के संघर्ष में किसी भी हद तक जाना पड़ेगा जाएंगे.