Raksha Bandhan 2024: भाई-बहन के अटूट रिश्ते वाला त्योहार रक्षाबंधन इस साल 19 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा. इसे लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा विभागों को एक निर्देश जारी किया, जिसमें यह कहा गया कि त्योहारों के दौरान बच्चे अगर मेहंदी, राखी, तिलक लगाकर स्कूल आएं तो उन्हें सजा न दें. एनसीपीसीआर ने आगामी त्योहार सीजन के दौरान बच्चों के खिलाफ भेदभाव और सजा रोकने का आग्रह किया.


NCPCR चीफ ने कई घटनाओं का किया जिक्र


एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने (8 अगस्त 2024) को लिखे पत्र में त्योहारों के दौरान स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों की ओर से बच्चों को परेशान किए जाने और उनके साथ भेदभाव किए जाने की रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त की. पत्र में उन्होंने कई ऐसी घटनाओं का जिक्र किया जहां बच्चे राखी, तिलक या मेहंदी लगाकर स्कूल गए और वहां उन्हें शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा.


एनसीपीसीआर के अध्यक्ष कहा कि अगर स्कूल में इस तरह के सजा दी जाती है तो यह मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 की धारा 17 का उल्लंघन होगा. पत्र में कहा गया, "जैसे-जैसे त्योहारों का मौसम नजदीक आ रहा है, यह जरूरी है कि स्कूल ऐसी प्रथाओं में शामिल न हों, जिसमें बच्चों को शारीरिक दंड या भेदभाव का शिकार होना पड़े.


NCPCR ने दिया निर्देश


एनसीपीसीआर ने अनुरोध किया कि सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इन दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को तत्काल निर्देश जारी करें. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने 17 अगस्त, 2024 तक इस संबंध में जारी आदेश की एक कॉपी के साथ अनुपालन रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है.


एनसीपीसीआर, बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम, 2005 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय, देश भर में बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है.


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