Mother Son Illegal content On YouTube: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने अपने मंच पर माताओं-बेटों से जुड़े संभावित अशोभनीय कृत्यों को यूट्यूब के जरिए परोसने को लेकर कड़ा कदम उठाया है.
आयोग ने बुधवार (10 जनवरी) को ऑनलाइन मंच ‘यूट्यूब’ के एक अधिकारी को अगले सप्ताह पेश होने का निर्देश दिया है. नहीं पेश होने पर कानूनी कदम उठाने की चेतावनी दी गई है.
15 जनवरी को होना होगा हाजिर
एनसीपीसीआर ने यूट्यूब के प्रशासन एवं सार्वजनिक नीति प्रमुख मीरा चैट के नाम जारी एक नोटिस में उनसे यूट्यूब पर ऐसी विषय सामग्री परोसने वाले चैनलों की सूची के साथ 15 जनवरी को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के लिए कहा. एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा है कि यूट्यूब पर कई ऐसे मां और बेटे से संबंधित वीडियो हैं जो यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (पॉक्सो) अधिनियम 2012 का उल्लंघन करते हैं. इसलिए नोटिस दिया गया है.
क्या है नोटिस में?
मीरा चैट को संबोधित एक पत्र में, एनसीपीसीआर प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने कहा कि आयोग ने यूट्यूब चैनलों पर माताओं और बेटों से जुड़े संभावित अश्लील कृत्यों को दिखाने वाले कंटेंट के साथ एक खतरनाक प्रवृत्ति का संज्ञान लिया है.
सूत्रों के मुताबिक, 'चुनौतीपूर्ण वीडियो' में मां और बेटे के बीच अश्लील हरकतें, जैसे चुंबन, मां और किशोर बेटे के बीच दिखाया गया है. इसी संबंध में आयोग ने कदम उठाया है.
'यूट्यूब पर परोसा जा रहा मां बेटे से जुड़ा अश्लील कंटेंट'
आयोग ने कहा कि कुछ यूट्यूब चैनल माताओं और बेटों से जुड़े संभावित अश्लील कंटेंट को टेलीकास्ट कर रहे हैं. एनसीपीसीआर ने कहा, “इससे बच्चों की भलाई व सुरक्षा को होने वाले संभावित नुकसान के बारे में गंभीर चिंता पैदा होती है. इसके अलावा, इन वीडियो में नाबालिगों समेत दर्शकों की अच्छी खासी संख्या होना भी चिंता पैदा करती है.”
'जाना होगा जेल'
प्रियंक कानूनगो ने इस मामले में चेतावनी देते हुए कहा है कि यूट्यूब को ऐसे अश्लील कंटेंट के टेलीकास्ट पर तुरंत रोक लगानी होगी. जिन लोगों ने ऐसा अपराध किया है उन्हें जेल भी जाना होगा. इस तरह के वीडियो का व्यवसायीकरण अश्लील कंटेंट बेचने जैसा है. कोई भी मंच अगर ऐसे वीडियो पेश करता है, जहां बच्चों का यौन शोषण दिख रहा है तो उसे जेल जाना ही होगा.