एक्सप्लोरर

'हमने मदरसे बंद करने को नहीं कहा, बस मुस्लिम बच्चों को...', बोला एनसीपीसीआर

प्रियांक कानूनगो ने मदरसों की कार्यप्रणाली पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए देश के उन कुछ समूहों की आलोचना की जो गरीब मुस्लिम समुदाय के सशक्तीकरण से डरते हैं.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि उन्होंने मदरसों को बंद करने के लिए कभी नहीं कहा बल्कि उन्होंने इन संस्थानों को सरकार द्वारा दी जाने वाली धनराशि पर रोक लगाने की सिफारिश की क्योंकि ये संस्थान गरीब मुस्लिम बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रहे हैं.

कानूनगो ने कहा कि गरीब पृष्ठभूमि के मुस्लिम बच्चों पर अक्सर धर्मनिरपेक्ष शिक्षा के बजाय धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए दबाव डाला जाता है. उन्होंने कहा कि वह सभी बच्चों के लिए शिक्षा के समान अवसरों की वकालत करते हैं. शीर्ष बाल अधिकार निकाय एनसीपीसीआर ने एक हालिया रिपोर्ट में मदरसों की कार्यप्रणाली पर गंभीर चिंता जताई थी तथा सरकार द्वारा उन्हें दी जाने वाली धनराशि तब तक रोकने का आह्वान किया था जब तक वे शिक्षा का अधिकार अधिनियम का अनुपालन नहीं करते.

इस रिपोर्ट पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव समेत कई नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. यादव ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर अल्पसंख्यक संस्थानों को चुनिंदा तरीके से निशाना बनाने का आरोप लगाया. केरल की ‘इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग’ ने कहा था कि केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियों ने फिर से सांप्रदायिक एजेंडे को दर्शाया है. बहरहाल, कानूनगो ने स्पष्ट किया कि उन्होंने मदरसों को बंद करने का कभी आह्वान नहीं किया.

कानूनगो ने कहा, 'हमने मदरसों को बंद करने की कभी वकालत नहीं की. हमारा रुख यह है कि जिस तरह संपन्न परिवार धार्मिक और नियमित शिक्षा में निवेश करते हैं, उसी तरह गरीब पृष्ठभूमि के बच्चों को भी यह शिक्षा दी जानी चाहिए.' उन्होंने हर सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के बच्चों को समान शैक्षणिक अवसर मुहैया कराए जाने की आवश्यकता पर बल दिया.

कानूनगो ने मदरसों की कार्यप्रणाली पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए देश के उन कुछ समूहों की आलोचना की जो गरीब मुस्लिम समुदाय के सशक्तीकरण से डरते हैं. कानूनगो ने ‘पीटीआई-भाषा’ से एक साक्षात्कार में कहा, 'हमारे देश में एक ऐसा गुट है जो मुसलमानों के सशक्तीकरण से डरता है. उनका डर इस आशंका से उपजा है कि सशक्त समुदाय जवाबदेही और समान अधिकारों की मांग करेंगे.' उन्होंने कहा कि समावेशी शैक्षणिक सुधारों के प्रतिरोध के पीछे यही मुख्य कारण है. उन्होंने कहा कि उन्होंने मदरसों को बंद करने के लिए कभी नहीं कहा.

कानूनगो ने सरकार की जिम्मेदारी पर प्रकाश डालते हुए कहा, 'यह सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य है कि बच्चों को सामान्य शिक्षा मिले. सरकार अपने दायित्वों से आंखें नहीं मूंद सकती.' उन्होंने कहा कि गरीब मुस्लिम बच्चों पर अक्सर धर्मनिरपेक्ष शिक्षा के बजाय धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए दबाव डाला जाता है जिससे उनके लिए अवसर कम हो जाते हैं.

कानूनगो ने कहा, 'हम अपने सबसे गरीब मुस्लिम बच्चों को आम विद्यालयों के बजाय मदरसों में जाने के लिए क्यों मजबूर करते हैं? यह नीति उन पर अनुचित बोझ डालती है.' उन्होंने ऐतिहासिक नीतियों पर विचार करते हुए सार्वभौमिक शिक्षा के लिए 1950 के बाद के संवैधानिक आदेश का जिक्र करते हुए कहा, '1950 में संविधान लागू होने के बाद मौलाना अबुल कलाम आजाद (भारत के पहले शिक्षा मंत्री) ने उत्तर प्रदेश के मदरसों का दौरा किया और घोषणा की कि मुस्लिम बच्चों को विद्यालयों और महाविद्यालयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है. इसके कारण उच्च शिक्षा में मुस्लिम छात्रों का प्रतिनिधित्व काफी कम हो गया जो वर्तमान में लगभग पांच प्रतिशत है.'

उन्होंने हाशिए पर रह रहे अन्य समुदायों की भागीदारी दर पर प्रकाश डाला और कहा कि प्रणालीगत पूर्वाग्रहों ने मुस्लिम छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों में बाधा उत्पन्न की है. उन्होंने कहा, 'इस स्थिति पर गौर करें: उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले लगभग 13 से 14 प्रतिशत छात्र अनुसूचित जाति (एससी) से और पांच प्रतिशत से अधिक छात्र अनुसूचित जनजाति (एसटी) से हैं. उच्च शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों में संयुक्त रूप से एससी और एसटी का 20 प्रतिशत हिस्सा है जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) 37 प्रतिशत है लेकिन मुस्लिम केवल पांच प्रतिशत हैं.'

कानूनगो ने मुस्लिम समुदाय के पूर्व शिक्षा मंत्रियों की भी आलोचना करते हुए कहा, 'इन मंत्रियों ने मदरसों में खड़े होकर मुस्लिम बच्चों को नियमित शिक्षा प्राप्त करने के लिए हतोत्साहित किया जिससे वे शिक्षा के अपने मौलिक अधिकार से वंचित हुए.' कानूनगो ने मदरसा छात्रों को मुख्यधारा के विद्यालयों में शामिल करने के महत्व पर जोर दिया.

उन्होंने कहा, ' हमने बच्चों को सामान्य विद्यालयों में दाखिला देने की सिफारिश की है. केरल जैसे कुछ राज्यों ने इसका विरोध किया है, जबकि गुजरात जैसे अन्य राज्यों ने सक्रिय कदम उठाए हैं. अकेले गुजरात में हिंसक विरोध का सामना करने के बावजूद 50,000 से अधिक बच्चों को सामान्य विद्यालयों में दाखिला दिलाया गया है.' उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले एक दशक में ये मुस्लिम बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर और बैंकर बनेंगे और उनके प्रयासों को सराहेंगे.

कानूनगो ने मुस्लिम समुदायों को सशक्त बनाने के व्यापक निहितार्थों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, 'मुसलमानों को सशक्त बनाने का मतलब है कि वे समाज में उनकी उचित जगह, जवाबदेही और समानता सुनिश्चित करने की मांग करेंगे.’ कानूनगो ने एनसीपीसीआर के अध्यक्ष के रूप में बुधवार को दो कार्यकाल पूरे किए.

यह भी पढ़ें:-
'हलफनामा दाखिल करें', किस मामले में सीजेआई चंद्रचूड़ ने दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना को दिया यह निर्देश

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Weather Forecast: बस एक हफ्ता! उत्तर भारत में कड़ाके की पड़ेगी सर्दी, यूपी, दिल्ली-NCR, बिहार, राजस्थान में तेजी से गिर रहा पारा
बस एक हफ्ता! उत्तर भारत में कड़ाके की पड़ेगी सर्दी, यूपी, दिल्ली-NCR, बिहार, राजस्थान में तेजी से गिर रहा पारा
Kerala High Court: 'बच्चों के सामने संबंध बनाना या कपड़े बदलना यौन उत्पीड़न', केरल हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
'बच्चों के सामने संबंध बनाना या कपड़े बदलना यौन उत्पीड़न', केरल हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
यूपी की इस सीट पर टलेगा उपचुनाव? इलाहाबाद हाई कोर्ट में है आज सुनवाई
यूपी की इस सीट पर टलेगा उपचुनाव? इलाहाबाद हाई कोर्ट में है आज सुनवाई
फिल्म शूटिंग के वक्त अनुपमा फेम एक्टर को Aishwarya Rai ने किया था इग्नोर, शेयर किया एक्सपीरियंस
फिल्म शूटिंग के वक्त अनुपमा फेम एक्टर को ऐश्वर्या राय ने किया था इग्नोर, शेयर किया एक्सपीरियंस
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Valmiki Jayanti के मौके पर मंदिर पहुंचे Rahul Gandhi | Congress | Breaking newsBaba Siddique Shot Dead Update:  नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में नया खुलासा | Salman KhanJustin Trudeau on Nijjar : कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो का कबूलनामा | India-Canada tensionsSansani  : खुफिया आतंक का 'कनाडा चैप्टर'! | Canada | Khalistani

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Weather Forecast: बस एक हफ्ता! उत्तर भारत में कड़ाके की पड़ेगी सर्दी, यूपी, दिल्ली-NCR, बिहार, राजस्थान में तेजी से गिर रहा पारा
बस एक हफ्ता! उत्तर भारत में कड़ाके की पड़ेगी सर्दी, यूपी, दिल्ली-NCR, बिहार, राजस्थान में तेजी से गिर रहा पारा
Kerala High Court: 'बच्चों के सामने संबंध बनाना या कपड़े बदलना यौन उत्पीड़न', केरल हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
'बच्चों के सामने संबंध बनाना या कपड़े बदलना यौन उत्पीड़न', केरल हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
यूपी की इस सीट पर टलेगा उपचुनाव? इलाहाबाद हाई कोर्ट में है आज सुनवाई
यूपी की इस सीट पर टलेगा उपचुनाव? इलाहाबाद हाई कोर्ट में है आज सुनवाई
फिल्म शूटिंग के वक्त अनुपमा फेम एक्टर को Aishwarya Rai ने किया था इग्नोर, शेयर किया एक्सपीरियंस
फिल्म शूटिंग के वक्त अनुपमा फेम एक्टर को ऐश्वर्या राय ने किया था इग्नोर, शेयर किया एक्सपीरियंस
CAPF Jobs 2024: केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में निकली 345 पदों पर वैकेंसी, इस डेट से पहले करें अप्लाई
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में निकली 345 पदों पर वैकेंसी, इस डेट से पहले करें अप्लाई
IND vs PAK: क्या चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान जाएगी टीम इंडिया? झूठे दावे की खुल गई पोल
क्या चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान जाएगी टीम इंडिया? झूठे दावे की खुल गई पोल
Watch: रोहित शर्मा की गाड़ी के पीछे भाग रहा था फैन, फिर हिटमैन ने कर दिया चौंकाने वाला काम; देखें वीडियो
रोहित शर्मा की गाड़ी के पीछे भाग रहा था फैन, फिर हिटमैन ने कर दिया चौंकाने वाला काम
ड्रिंक के बाद दांत से कांच का गिलास तोड़कर क्यों चबाते हैं पैरा कमांडो? जानें ये करना क्यों है जरूरी
ड्रिंक के बाद दांत से कांच का गिलास तोड़कर क्यों चबाते हैं पैरा कमांडो? जानें ये करना क्यों है जरूरी
Embed widget