Crime Against Women In 2022: बीते साल यानी 2022 में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) को महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों की लगभग 31,000 शिकायतें मिलीं, जो 2014 के बाद सबसे अधिक हैं. 2021 में NCW को 30,864 शिकायतें मिली थीं जबकि 2022 में यह संख्या थोड़ी बढ़कर 30,957 हो गई. 30,957 शिकायतों में से अधिकतम 9,710 गरिमा के साथ जीने के अधिकार से संबंधित थीं, जो महिलाओं के भावनात्मक शोषण को ध्यान में रखती हैं.


पीटीआई को मिले राष्ट्रीय महिला आयोग के डेटा के मुताबिक, इसके बाद घरेलू हिंसा से संबंधित 6,970 और दहेज उत्पीड़न से संबंधित 4,600 हैं. लगभग 54.5 प्रतिशत (16,872) शिकायतें सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश से प्राप्त हुईं. 


आंकड़ा 2014 के बाद सबसे ज्यादा


दिल्ली में 3,004 शिकायतें दर्ज की गईं, इसके बाद महाराष्ट्र (1,381), बिहार (1,368) और हरियाणा (1,362) का नंबर आता है. आंकड़ों के मुताबिक, सम्मान के साथ जीने के अधिकार और घरेलू हिंसा से जुड़ी सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर प्रदेश से मिलीं. 2022 में राष्ट्रीय महिला आयोग को प्राप्त शिकायतों की संख्या 2014 के बाद से सबसे अधिक है, जब पैनल को 33,906 शिकायतें मिली थीं. 


रेप की कितनी शिकायतें मिलीं?


राष्ट्रीय महिला आयोग के डेटा के मुताबिक, महिलाओं के शीलभंग या छेड़छाड़ के अपराध के संबंध में 2,523 शिकायतें प्राप्त हुईं. इसमें 1,701 बलात्कार और बलात्कार के प्रयास से संबंधित थीं. इसके अलावा 1,623 शिकायतें महिलाओं के खिलाफ पुलिस की उदासीनता के संबंध में थीं और 924 शिकायतें साइबर अपराधों से संबंधित थीं. 


ये मामले रहे सुर्खियों में


महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध (Crime Against Women) के कई मामले 2022 में सुर्खियों में रहे हैं. इन मामलों की बात करें तो दिल्ली में 17 साल की एक लड़की पर बाइक सवार युवकों ने एसिड फेंका था. हमले में किशोरी की दोनों आंखों में चोटें आईं और चेहरा 8 फीसदी जल गया था. पुलिस के अनुसार, आरोपी लड़की से दोस्ती तोड़ने का बदला लेना चाहता था. इसके अलावा उत्तराखंड का अंकिता भंडारी हत्याकांड, दिल्ली का श्रद्धा मर्डर केस, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में एमएमएस लीक का मामला भी सुर्खियों में रहा था. 


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