नई दिल्ली: बीजेपी की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने देशभर में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनआरसी) शुरू किए जाने का विरोध किया है. पार्टी सांसद नरेश गुजराल ने गुरुवार को दावा किया कि इस प्रस्तावित कवायद से मुसलमानों के बीच असुरक्षा पैदा हुई है. अकाली दल के नेता और राज्यसभा सदस्य नरेश गुजराल ने एनडीए दलों के बीच तालमेल में सुधार की भी अपील की, "जैसा अटल बिहार वाजपेयी सरकार में हुआ करता था."


नरेश गुजराल ने कहा, "हम सिखों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो अल्पसंख्यक हैं, लिहाजा हम (अन्य) अल्पसंख्यकों की भावनाओं और चिंताओं के प्रति भी अधिक संवेदनशील हैं. हम नहीं चाहते कि मुसलमान असुरक्षित महसूस करें. हम नहीं चाहते कि कोई भी अल्पसंख्यक किसी भी तरह से असुरक्षित महसूस करे जिस प्रकार 1984 के बाद सिखों को असुरक्षित महसूस होने लगा था."


गुजराल ने कहा कि शिरोणि अकाली दल (शिअद) चाहता है कि मुसलमानों को संशोधित नागरिकता अधिनियम में शामिल किया जाए और पार्टी ने संसद में विधेयक पर चर्चा के दौरान भी यही बात कही थी. अकाली दल और बीजेपी के बीच उभरते मतभेदों और खासकर शिवसेना के एनडीए छोड़ने पर गुजराल ने कहा, "हम बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगी हैं. हम एनडीए का हिस्सा हैं और हमेशा रहेंगे.


उन्होंने कहा, "हमारे बीच कोई भी मुद्दा आंतरिक है और उसे एनडीए के भीतर ही सुलझा लिया जाएगा. उन्होंने गठबंधन साझेदारों के बीच बेहतर तालमेल की अपील की, जैसा तालमेल अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में हुआ करता था.


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