Presidential Eleciton: द्रौपदी मुर्मू जीतीं तो होंगी सबसे युवा प्रसिडेंट, जानें अब तक कम उम्र में कौन बने थे राष्ट्रपति
Youngest President Of India: भारत के 6वें राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी (Neelam Sanjiva Reddy) देश के सबसे कम उम्र के चुने जाने वाले राष्ट्रपति थे. वहीं, अब द्रौपदी मुर्मू की उम्र भी 64 साल की है.
Youngest President Of India: भारत (India) के 6वें राष्ट्रपति (President) नीलम संजीव रेड्डी (Neelam Sanjiva Reddy) देश के सबसे कम उम्र के चुने जाने वाले राष्ट्रपति थे. नीलम संजीव ने 25 जुलाई 1977 को 64 साल की उम्र में राष्ट्रपति पद ग्रहण किया था. अब, साल 2022 में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के लिए आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंध (NDA) ने राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाया है. द्रौपदी मुर्मू की भी उम्र 64 साल की है.
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले में हुआ था. बेहद पिछड़े और दूरदराज के जिले से ताल्लुक रखने वालीं मुर्मू ने गरीबी और अन्य समस्याओं से जुझते हुए भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से कला में स्नातक किया और ओडिशा सरकार के सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में अपना करियर शुरू किया था.
द्रौपदी साल 2000 और 2004 में ओडिशा (Odisha) के रायरंगपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक थीं. साल 2015 में झारखंड (Jharkhand) के राज्यपाल (Governor) के रूप में शपथ लेने वाली पहली महिला थीं. वह राज्यपाल नियुक्त होने वाली पहली महिला आदिवासी नेता रही हैं. निर्वाचित होने के बाद द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति (President) और दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी. इसके अलावा वे ओडिशा से भी प्रथम राष्ट्रपति होंगी. उन्होंने राजनीति और समाज सेवा में लगभग दो दशक बिताए हैं.
नीलम नीलम संजीव रेड्डी हैं अब तक के सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति
वहीं, नीलम नीलम संजीव रेड्डी निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए थे. ये पहली बार था जब प्रतिपक्ष ने किसी उम्मीदवार को उतारा था. बताया जाता है कि कांग्रेस के सांसद प्यारेलाल कुरीन चाहते थे कि वो चुनाव लड़ें. प्यारेलाल ने ही पार्टी से कहा था कि कांग्रेस को राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ना चाहिए. वहीं, सन 1969 में कुछ ऐसा हुआ था कि कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रपति पद के चुनाव में हरा दिया था. उस दौरान कांग्रेस की ओर से रेड्डी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे लेकिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वी.वी. गिरि को उम्मीदवार बना दिया था और वोटिंग में गिरी को अधिकतर वोट मिले. इस सब के बाद कांग्रेस पार्टी में महा विभाजन देखने को मिला जिस कारण 1977 में रेड्डी को लेकर लोगों में सहानुभूति थी.
आधंप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे नीलम रेड्डी
नीलम संजीव आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले के रहने वाले थे. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि कि राजनीति में आने के बाद उन्होंने बहुत कामयाबी हासिल की. सन 1956 में आधंप्रदेश के नीलम संजीव पहले मुख्यमंत्री बने. कुछ सालों बाद उन्हें केंद्र में भी जगह मिली. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ वो लोकसभा के स्पीकर भी बने थे. राष्ट्रपति पद ग्रहण करते हुए उन्होंने कहा था, बहुत खुशी की बात है कि राष्ट्रपति चुनाव राजनीतिक मतभेद से ऊपर रखा गया. मेरे लिए विभिन्न दलों के बीच समानता लाने और एक जैसा व्यवहार करने में बेहद आसानी होगी.
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