NDA Chief Ministers Meeting : चंडीगढ़ में गुरुवार, 17 अक्टूबर को एनडीए के मुख्यमंत्रियों की एक अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एनडीए के लगभग 20 मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शामिल होंगे. यह आधे दिन का सम्मेलन कई सालों बाद इस तरह का पहला बड़ा आयोजन है, जिसमें राष्ट्रीय विकास के साथ-साथ संविधान के अमृत महोत्सव और गणतंत्र की हत्या की 50वीं वर्षगांठ जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.


इस बैठक में भाजपा के 13 मुख्यमंत्री और 16 उपमुख्यमंत्री तो होंगे ही, साथ ही एनडीए के सहयोगी दलों की ओर से शासित महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार, सिक्किम, नागालैंड और मेघालय के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे. प्रधानमंत्री मोदी के साथ भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो भी इस चर्चा में शामिल होंगे.


नायब सिंह सैनी के शपथ ग्रहण समारोह के बाद होगी चर्चा


हरियाणा के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद इस सम्मेलन की कार्यवाही शुरू होगी. बैठक के दौरान राष्ट्रीय विकास के मुद्दों के साथ संविधान का अमृत महोत्सव मनाने और 'लोकतंत्र पर हुए हमले' की 50वीं वर्षगांठ पर भी खास तौर से चर्चा की जाएगी. बीजेपी साल 1975 में लगाए आपातकाल को 'लोकतंत्र पर हुए हमले' के तौर पर देखती है और हर साल इसकी वर्षगांठ मनाती है. 


बैठक के क्या है सियासी मायने?


बीजेपी की ओर से इस बैठक बुलाए जाने के असल मायने का जिक्र करते हुए एक बीजेपी नेता ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि इस बैठक को हरियाणा में अप्रत्याशित अच्छे चुनाव परिणामों के बाद जश्न का पल और सत्तारूढ़ सरकार के लिए शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा सकता है. उन्होंने कहा, "2024 के नतीजों ने हमारी उम्मीदों से कम कर दिया था और इसलिए मूड कुछ हद तक उतर गया था. कल होने वाली यह बैठक उसमें बदलाव को चिह्नित करेगी."


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