नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर जारी बवाल का असर अब एनडीए में भी दिखने लगा है. लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों ने एनडीए के साथियों की भी बेचैनी बढ़ा दी है. एनडीए की सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी ने कहा है कि सरकार इस कानून लोगों के मन में पैदा हुए भ्रम को दूर करने में नाकामयाब रही है.


सरकार फेल हुई


एनडीए की सहयोगी एलजेपी ने नागरिकता कानून और एनआरसी पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों को सरकार की नाकामी करार दिया है. पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने ट्वीट करके कहा है कि जिस तरह से एनआरसी को नागरिकता कानून के साथ जोड़कर पेश किया जा रहा और भ्रम फैलाया जा रहा है उससे साफ है कि सरकार इसे दूर करने में नाकाम रही है.


इस मामले पर जारी घमासान के बीच चिराग पासवान का बयान मोदी सरकार के लिए फ़जीहत का कारण बन सकता है. विरोध प्रदर्शनों को लेकर पहली बार एनडीए के भीतर से असहजता के स्वर सुनाई पड़े हैं. चिराग ने सरकार से तत्काल विरोध कर रहे लोगों से संवाद कर भ्रम को दूर करने की मांग की है.


6 दिसम्बर को पीएम को लिखा पत्र


चिराग पासवान ने ट्वीट के ज़रिए एक चिट्ठी भी सार्वजनिक की है. पत्र प्रधाममंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नडडा को लिखी गई थी. 6 दिसम्बर को लिखे गए इस पत्र में चिराग पासवान ने नागरिकता संशोधन बिल को संसद में पेश करने से पहले एनडीए की बैठक बुलाने की मांग की थी ताकि इस मसले पर एनडीए में एकजुटता दिखे. पत्र में कहा गया था कि ये कानून पूरे देश को प्रभावित करेगा इसलिए इसपर सभी पार्टियों के विचार और सुझाव लिए जाने चाहिए.


नागरिकता कानून पर अभी भी सरकार के साथ


हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि नागरिकता कानून पर पार्टी ने संसद में सरकार का समर्थन किया था और पार्टी अभी भी अपने रुख़ पर कायम है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस बात से ज़्यादा चिंतित है कि नागरिकता कानून और एनआरसी को एक साथ जोड़कर विपक्ष पेश कर रहा है और सरकार लोगों को समझा नहीं पा रही है.


एनआरसी पर रुख मसौदा देखने के बाद होगा तय


वैसे एनआरसी पर पार्टी का क्या रुख़ होगा इसपर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि ये एक बेहद संवेदनशील मसला है और जब सरकार एनआरआई शुरू करने के लिए मसौदा तैयार करेगी तो उसे देखने के बाद ही इसपर रुख़ तय किया जाएगा.