BJP Alliance Meeting: 26 विपक्षी दलों के बेंगलुरु में नया सियासी गुट तैयार करने की कोशिशों के बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की आज यानी मंगलवार (18 जुलाई) को होने वाली बैठक में 38 पार्टियां शामिल होने वाली हैं. सत्ता के केंद्र दिल्ली में होने वाली इस बैठक को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जानकारी साझा की. जेपी नड्डा ने कहा कि ये बैठक सत्ता पाने के लिए नहीं सेवा करने के लिए हो रही है.
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ''एनडीए की 25वीं सालगिरह पर होने वाले इस शक्ति प्रदर्शन में जो 38 पार्टियां शामिल होने जा रही हैं. बीते 9 सालों में इस अलाइंस का जो डेवलपमेंट का एजेंडा है, जो स्कीम्स हैं, जो नीतियां हैं, जो पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही हैं, इसमें एनडीए के सभी दलों ने रूचि दिखाई है. एनडीए के प्रति उत्साह के साथ पार्टियां आ रही हैं.''
1998 में 24, अब 38 सहयोगी दल- बीजेपी
जेपी नड्डा ने कहा कि जो सहयोगी दल एनडीए से बाहर गए थे, वो भी भारत को मजबूत करने के लिए वापस साथ आ रहे हैं और बीजेपी अपनी विचारधारा को लेकर प्रतिबद्ध है. बीते कुछ समय में बीजेपी के पूर्व सहयोगियों की कृषि कानूनों और साझेदारों की उपेक्षा के चलते एनडीए से दूरी बन गई थी. एचटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी नेताओं का कहना है कि एनडीए सहयोगियों की संख्या 1998 में 24 थी, जो अब बढ़कर 38 हो गई है. ये पार्टी और पीएम नरेंद्र मोदी की स्वीकार्यता और लोकप्रियता का संकेत है.
बीजेपी अध्यक्ष ने 38 सहयोगी दलों के नामों का खुलासा नहीं किया. गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार के साथ गठबंधन करने के लिए भाजपा की आलोचना हो रही है. हालांकि, इस मामले पर उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा. हम कानून और संविधान का सम्मान करते हैं. कानून के दायरे में हर किसी को आगे बढ़ने का अधिकार है.
हमारा एजेंडी देश सेवा- बीजेपी अध्यक्ष
नड्डा ने आगे कहा कि बीजेपी और उसके पूर्व संगठन जनसंघ का ध्यान हमेशा अपनी विचारधारा पर केंद्रित रहा है. चाहे वह राम मंदिर का निर्माण हो या जब हमने परमाणु परीक्षणों की बात की थी और लोग मज़ाक उड़ा रहे थे. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि पार्टी ने किसी भी सहयोगी को जाने दिया है और उन लोगों के साथ भी सौहार्दपूर्ण व्यवहार किया है जिन्होंने बीजेपी से नाता तोड़ लिया है. उन्होंने कहा, ''हमारा एजेंडा देश सेवा है, हमने किसी को जाने नहीं दिया. जिन्होंने छोड़ा, हमने उनके साथ मित्रता बरतना नहीं छोड़ा, हमारे लिए व्यापक तस्वीर सबका साथ, सबका विकास है.''
लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ विपक्षी दलों की गठबंधन बनाने की बैठक को उन्होंने भानुमती का कुनबा करार दिया. उन्होंने कहा कि यूपीए भानुमती का कुनबा है. उनके पास न नीयत है, न नीति, न नेता, न फैसले लेने की ताकत. उन्होंने आगे कहा कि वो यहां कुछ देने नहीं आए हैं, वो 10 सालों के भ्रष्टाचार को पेश करेंगे और वो 20 लाख करोड़ के घोटालों पर कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं.