NDA History: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दल 18 जुलाई को दिल्ली में बैठक करने जा रहा है, जिसमें 19 पार्टियां शामिल होने वाली हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सभी दल मीटिंग के लिए साथ इकट्ठा होंगे. उधर, बेंगलुरु में विपक्षी दलों की दूसरी बैठक होने वाली है. लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को टक्कर देने के लिए सभी दलों को एकजुट करने के मकसद से की जा रही इस बैठक में 26 पार्टियां शामिल होने वाली हैं. ऐसे में एनडीए की मीटिंग को आम चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है. गठबंधन इस साल अपनी सिल्वर जुबली भी मना रहा है. आइए देखते हैं स्थापना से अब तक 25 सालों में एनडीए की ताकत कितनी बढ़ गई है-


1998 में हुई थी स्थापना
1996 में सिर्फ 13 दिनों में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिरने के बाद क्षेत्रीय दलों के साथ मई, 1998 में एनडीए का गठन किया गया था, जिसका फायदा अटल बिहारी वाजपेयी को 1998 में सरकार बनाने में मिला. 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी इसके अध्यक्ष थे और उस समय इसमें 16 दल शामिल थे. आज अमित शाह एनडीए के अध्यक्ष हैं और मौजूदा समय में इसके साथ 25 पार्टियां गठबंधन में हैं.


25 सालों में कई दल एनडीए के साथ गठबंधन में शामिल हुए हैं और कई पार्टियों ने अलविदा कर दिया. इस समय 16 राज्यों में एनडीए की सरकार है, जिनमें पूर्वोत्तर राज्य भी शामिल हैं. इनमें से 10 जगह पर बीजेपी के मुख्यमंत्री हैं. वहीं, 1998 में एनडीए की 9 राज्यों में सरकार थी, जिनमें से 5 में बीजेपी के सीएम थे.


2019 के बाद इन दलों ने छोड़ दिया साथ
2019 के बाद से अब तक आंध्र प्रदेश की टीडीपी, नीतीश कुमार की जेडी(यू), अकाली दल और उद्धव ठाकरे की शिवसेना एनडीए से अलग हो चुके हैं. वहीं, इस दौरान, शिवसेना का शिंदे गुट, एनसीपी का अजित पवार गुट और ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी एनडीए का हिस्सा बनी हैं.


एनडीए की बैठक में ये पार्टियां होंगी शामिल
कल दिल्ली में होने जा रही एनडीए के घटक दलों की बैठक में 19 पार्टियों को न्योता भेजा गया है. इनमें एआईएमडीएमके, झारखंड की आजसू, तमिल मनिला कांग्रेस, अनुप्रिया पटेल का अपना दल, आंध्र प्रदेश की जनसेना- पवन कल्याण(सोनेलाल),  चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी, उपेंद्र कुशवाहा की लोक समता पार्टी, संजय निषाद की निर्बल इंडियन शोषित हमारा अपना दल- निषाद पार्टी, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी)- हरियाणा, इंडिया मक्कल कलवी मुनेत्र कड़गम, सिक्किम की एसकेएफ, एनसीपी- कोनरॉड संगमा, नागालैंड की एनडीपीपी, जोरमथंगा की मिजो नेशनल फ्रंट, असम गण परिषद, शिवसेना (शिंदे ग्रुप),सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी- ओमप्रकाश राजभर  और एनसीपी (अजित पवार ग्रुप) शामिल हैं. उधर, कांग्रेस की तरफ से बेंगलुरु में बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में 26 पार्टियों को न्योता भेजा गया है.


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