NDA Meeting: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से फायब्रांड नेता नरेंद्र मोदी शुक्रवार (सात जून, 2024) को नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) संसदीय दल के चुने गए. नई दिल्ली स्थित संसद भवन में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा था, जिसका बीजेपी के घटक दलों के नेताओं ने अनुमोदन किया.

  


समर्थन करने वाले प्रमुख एनडीए नेताओं में तीसरे नंबर (जेडीएस के एच डी कुमारस्वामी और टीडीपी के एन चंद्रबाबू नायडू के बाद) पर बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार रहे.  एनडीए और बीजेपी के नेता के रूप में नरेंद्र मोदी के नाम पर हरी झंडी देते हुए बिहार सीएम बोले कि वह (नरेंद्र मोदी) आज ही पीएम पद की शपथ ले लेते तो भी ठीक था. वह तो सब दिन उनके साथ ही हैं. जेडी(यू) चीफ की यह बात सुनकर संसद भवन में नरेंद्र मोदी खिलखिला उठे.






विपक्षियों पर नरेंद्र मोदी के सामने कैसे बरसे नीतीश कुमार?


बिहार में 'सुशासन बाबू' के नाम से मशहूर नीतीश कुमार ने आगे कहा कि जेडी(यू) नरेंद्र मोदी को भारत के पीएम पद के लिए समर्थन देता है. यह बहुत खुशी की बात है कि 10 साल से वह पीएम हैं और फिर पीएम बनने जा रहे हैं. वह पूरे तौर पर सब दिन उनके साथ रहेंगे. जो इधर-उधर जीत गए हैं, वे सब अगली बार हारेंगे.






अटकल पर लगाया विराम, NDA के लिए बने 'किंगमेकर'


गुजरात से नाता रखने वाले नरेंद्र मोदी के नाम पर समर्थन देते हुए जेडी(यू) चीफ ने उन अटकलों पर सिरे से विराम लगा दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि नीतीश कुमार का कुछ पता नहीं. वह कभी भी पलट सकते हैं और विपक्ष के इंडिया अलायंस को समर्थन दे सकते हैं. दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में 400 पार सीटों का लक्ष्य रखने वाली बीजेपी अपने दम पर बहुमत नहीं हासिल कर पाई. उसे महज 240 सीटें ही हासिल हुईं, जबकि एनडीए के हिस्से में 293 सीटें आईं. इन सीटों में नीतीश कुमार के जेडी(यू) की 12 और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी की 16 सीटें शामिल हैं. यही वजह है कि ये दोनों दल इस बार किंगमेकर की भूमिका में रहे.


JD(U) मीटिंग में भी NDA को पूर्ण समर्थन की दोहराई गई बात 


दिल्ली में एनडीए सांसदों की बैठक से पहले जेडी(यू) के सांसदों ने बिहार सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में दिल्ली में मीटिंग की थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को पूर्ण समर्थन की बात दोहराई गई. जेडीयू की यह बैठक सरकार गठन और केंद्रीय कैबिनेट समेत विभिन्न मुद्दों पर सहमति के साथ जानकारी के लिहाज से अहम थी. मंथन के पहले जेडी(यू) के सांसदों ने रेल मंत्रालय की मांग दोहराई थी.


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