पूरब में भी मोदी लहर, देश में अब करीब 68 फीसदी हिस्से पर है NDA का राज
देश की मौजूदा सियासत का मानचित्र देखें तो सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि उसके मौजूदा साथी और पुराने साथियों का भी बुरा हाल है. 2004 में यूपीए की साथी रही लेफ्ट का किला अब त्रिपुरा में ढह चुका है और सिर्फ केरल तक ये पार्टी सिमट गई है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में 'कांग्रेस मुक्त' भारत का जो नारा दिया था उस मिशन में बीजेपी आज कुछ और आगे बढ़ गई. 2014 में यूपीए का करीब 35 फीसदी आबादी पर राज था. तब एनडीए सिर्फ 22 फीसदी आबादी तक थी लेकिन अब चार साल बाद करीब एनडीए 68 फीसदी आबादी पर राज करती है. जबकि यूपीए सिर्फ आठ फीसदी तक सिमट गई है.
देश की मौजूदा सियासत का मानचित्र देखें तो सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि उसके मौजूदा साथी और पुराने साथियों का भी बुरा हाल है. 2004 में यूपीए की साथी रहे लेफ्ट का किला अब त्रिपुरा में ढह चुका है और सिर्फ केरल तक ये पार्टी सिमट गई है. कांग्रेस के साथ रही तृणमूल कांग्रेस अब अलग है, लेकिन उसके पास भी बस एक राज्य है.
IN DEPTH: त्रिपुरा में बीजेपी ने किस रणनीति से लेफ्ट के किले में लहराया भगवा परचम?वहीं तमिलनाडु की पार्टी डीएमके भी यूपीए की साथी रही है लेकिन बीजेपी ने वहां भी सेंध लगाई है. पीएम मोदी ने ऐसी रणनीति चली कि जयललिता के दोनों गुट एक हो गए और मोदी-मोदी करने लगे. आरजेडी और समाजवादी पार्टी भी कांग्रेस के साथी रहे हैं, लेकिन दोनों के पास किसी राज्य में सरकार नहीं है.
यानी 2019 के चुनाव में कांग्रेस अकेली पड़ी है, वह खुद कमजोर है और उसके साथी भी कमजोर हो चुके हैं. दूसरी ओर मोदी के नेतृत्व में बीजेपी का विजय रथ आगे बढ़ रहा है जिसे रोकना कांग्रेस के लिए अभी मुश्किल ही दिख रहा है.
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