बकरीद को लेकर NDMC का निर्देश, कुर्बानी के दौरान जानवरों का खून बहकर सीधे यमुना में न जाए
12 अगस्त को मनाए जाने वाली बकरीद को लेकर एनडीएमसी ने निर्देश दिया है कि कुर्बानी के दौरान जानवरों का खून सीधे बहकर यमुना में नहीं जाना चाहिए.
नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने निर्देश दिया है कि बकरीद पर कुर्बानी के दौरान जानवरों का खून सीधे बहकर यमुना में नहीं जाना चाहिए. नगर निकाय ने पांच अगस्त के अपने आदेश में कहा कि ईद के दिन पूर्वी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाला गाजीपुर बूचड़खाना खुला रहता है और उस दिन भेड़, बकरे तथा भैंसों की कुर्बानी देने की इच्छा रखने वाले लोगों को बूचड़खाने में मौजूद सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए.
आदेश में कहा गया है कि भेड़, बकरों और भैंसों की अपने परिसरों में कुर्बानी देने की इच्छा रखने वालों के लिए जरूरी है कि वे कुर्बान किए गए जानवरों के जैविक कचरे का निपटान सही ढंग से करें. एनडीएमसी की पशु चिकित्सा सेवाओं के उपनिदेशक वाई कुमार ने कहा कि आदेश की अवहेलना करने पर प्रदूषण फैलाने के मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा निर्धारित जुर्माना लगाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि ईद के अवसर को छोड़कर निजी स्थानों पर जानवरों के वध की अनुमति नहीं है. राष्ट्रीय राजधानी के मांस विक्रेता केवल पूर्वी दिल्ली नगर निगम के बूचड़खाने में जानवरों का वध कर सकते हैं. एनजीटी नियुक्त यमुना निगरानी समिति ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने जानवरों के वध के संदर्भ में अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया है.
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