हर तीन में दो व्यक्तियों ने कहा- 'सच्चा' भारतीय होने के लिए हिंदू होना बहुत जरूरी, प्यू सर्वे का दावा
साल 2019 के अंत और 2020 की शुरुआत के बीच 17 भाषाओं में वयस्कों के आमने-सामने के इंटरव्यू के आधार पर 30 हजार भारतीयों पर प्यू ने सर्वे किया.
![हर तीन में दो व्यक्तियों ने कहा- 'सच्चा' भारतीय होने के लिए हिंदू होना बहुत जरूरी, प्यू सर्वे का दावा Nearly two-thirds of Hindus says its very important to be Hindu in order to be truly Indian Pew Survey हर तीन में दो व्यक्तियों ने कहा- 'सच्चा' भारतीय होने के लिए हिंदू होना बहुत जरूरी, प्यू सर्वे का दावा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/06/30/bfbc16d6b0c8de019b8fa89af30b08ee_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
वॉशिंगटन: अमेरिकी थिंक-टैंक 'प्यू' के नए सर्वे में ज्यादातर लोगों का कहना है कि 'सच्चे भारतीय' होने के लिए सभी धर्मों का सम्मान करना बहुत महत्वपूर्ण है. सर्वे में कहा गया है, 'भारतीय इस विचार को लेकर एकजुट हैं कि अन्य धर्मों का सम्मान करना उनके अपने धार्मिक समुदाय का सदस्य होने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है. मगर वो अंतर्धार्मिक शादियों को सही नहीं मानते.'
सर्वेक्षण में ये भी पाया गया है कि हिंदू अपनी धार्मिक पहचान और भारतीय राष्ट्रीय पहचान को आपस में घनिष्ठ रूप से देखते हैं. लगभग दो-तिहाई हिंदुओं (64 फीसदी) का कहना है कि सच्चा भारतीय होने के लिए हिंदू होना बहुत महत्वपूर्ण है. भारत में एक तिहाई ईसाई (32 फीसदी) (81 फीसदी हिंदुओं के साथ) कहते हैं कि वे गंगा नदी की पवित्र शक्ति में विश्वास करते हैं. भारत में न केवल बहुसंख्यक हिंदू (77 फीसदी) कर्म में विश्वास करते हैं, बल्कि मुसलमानों का एक समान प्रतिशत भी करता है.
"बीजेपी की अपील हिंदुओं में अधिक है"
प्यू रिसर्च सेंटर ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी की अपील हिंदुओं में अधिक है जो अपनी धार्मिक पहचान और हिंदी भाषा को सच्चे भारतीय होने के साथ जोड़ती है. साल 2019 के राष्ट्रीय चुनावों में, 60 फीसदी हिंदू मतदाता, जो सोचते हैं कि सच्चा भारतीय होने के लिए हिंदू होना और हिंदी बोलना बहुत महत्वपूर्ण है, उन्होंने उन एक तिहाई हिंदू मतदाताओं की तुलना में बीजेपी को वोट दिया, जो राष्ट्रीय पहचान के इन दोनों पहलुओं को कम दृढ़ता से महसूस करते हैं."
साल 2019 के अंत और 2020 की शुरुआत (कोविड महामारी से पहले) के बीच 17 भाषाओं में वयस्कों के आमने-सामने के इंटरव्यू के आधार पर 30 हजार भारतीयों पर प्यू ने सर्वे किया. इसमें पाया गया कि सभी धार्मिक पृष्ठभूमि के भारतीयों का कहना है कि अपने धर्मों की उपासना करने के लिए स्वतंत्र हैं.
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