NEET Counselling 2021 Postponed: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नेशनल एंट्रेंस कम एलिजिबिलिटी टेस्ट (NEET) PG की काउंसलिंग पर लगी रोक को बढ़ा दिया है. अदालत ने गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए NEET PG की काउंसलिंग पर लगी रोक को एक महीने के लिए बढ़ाया है. NEET PG 2021 में दाखिले के लिए ऑल इंडिया कोटे में 10% आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) और 27% OBC कोटा के केंद्र सरकार के अध्यादेश को चुनौती देने का ये मामला है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को EWS श्रेणी के क्राइटेरिया पर पुनर्विचार करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से EWS से 8 लाख सालाना क्राइटेरिया पर विचार करके 6 दिसंबर को अगली सुनवाई में सूचित करने को कहा है.
क्रीमी लेयर बढ़ा सकती है सरकार
वहीं, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उसने NEET में परास्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए दाखिले में आरक्षण के लिए EWS श्रेणी निर्धारित करने के लिए तय आठ लाख रुपये की सालाना आय की सीमा पर फिर से गौर करने का फैसला लिया है. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि EWS श्रेणी निर्धारित करने के लिए मानदंड तय करने के वास्ते एक समिति गठित की जाएगी और समिति को यह काम करने के लिए चार हफ्तों का वक्त लगेगा. मेहता ने कहा कि अदालत में पहले दिए आश्वासन के अनुसार NEET (पीजी) काउंसिलिंग और चार हफ्तों के लिए स्थगित की जाती है.
कोर्ट ने सरकार को दिया था ये निर्देश
इससे पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को NEET PG के लिए काउंसलिंग को तब तक के लिए टालने का निर्देश दिया था जब तक कि वह अखिल भारतीय कोटा (AIQ) में ओबीसी (OBC) और ईडब्ल्यूएस (EWS) आरक्षण शुरू करने के केंद्र के फैसले की वैधता का फैसला नहीं कर लेता है.
गौरतलब है कि NEET PG 2021 50% ऑल इंडिया कोटा के लिए काउंसलिंग पहले 25 अक्टूबर, 2021 से शुरू होने वाली थी. पहले राउंड की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरा करने की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर 2021 दोपहर 12 बजे तक थी. हालांकि, SC ने EWS-OBC आरक्षण की वैधता तक काउंसलिंग प्रक्रिया को रोक दिया था. वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद पी दातार ने मामले का जिक्र करते हुए कहा कि काउंसलिंग का पूरा कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है. इस पर ध्यान देते हुए SC ने निर्देश दिया कि जब तक अदालत EWS-OBC आरक्षण के मुद्दे पर फैसला नहीं कर लेती, काउंसलिंग आगे नहीं बढ़नी चाहिए.