तमिलनाडू में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र काषगम (DMK) ने सोमवार (1 जुलाई, 2024) को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) को एक उद्योग करार दिया और आरोप लगाया कि इसे कोचिंग सेंटरों के कल्याण के लिए बनाया गया, जिन्होंने कई करोड़ों रुपये कमाए हैं. द्रमुक ने कहा कि तमिलनाडु इससे पर्दा हटाने वाला पहला राज्य है और राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पार्टियां इस परीक्षा के लिए खिलाफ अपनी आवाज उठा रही हैं.


द्रमुक के तमिल मुखपत्र 'मुरासोली' में नीट-स्नातक में अनियमितताओं के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा छापेमारी और कई लोगों की गिरफ्तारी किए जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने खुद अनियमितताओं को लेकर प्रस्ताव पारित किया है.


मुखपत्र में कहा गया, 'भारत के प्रमुख दलों ने नीट के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है.' द्रमुक नीट अनियमितताओं को लेकर संसद के दोनों सदनों में बहस के पक्ष में है और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाना चाहिए.


तमिल दैनिक समाचार पत्र के एक जुलाई 2024 के अंक में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया, 'तमिलनाडु ऐसा पहला राज्य है जिसने कहा कि नीट धोखाधड़ी है. अब पूरा देश इसका समर्थन कर रहा है. नीट एक उद्योग है, जिसे कोचिंग सेंटरों के कल्याण के लिए शुरू किया गया और इस उद्योग ने करोड़ों रुपये कमाये हैं. तमिलनाडु ऐसा कहने वाला पहला राज्य है. आज, जालसाजों को गिरफ्तार किया जा रहा है.'


तमिलनाडु विधानसभा में 28 जून 2024 को एक प्रस्ताव पारित कर राज्य को नीट के दायरे से अलग करने और चिकित्सा प्रवेश परीक्षा को खत्म करने के संदर्भ में द्रमुक दैनिक समाचार पत्र ने कहा, 'अब पूरा भारत जान चुका है की नीट सिर्फ धोखाधड़ी है.'


द्रमुक ने बार-बार कहा है कि चिकित्सा पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट सामाजिक न्याय, गरीब, ग्रामीण विद्यार्थियों के हितों के खिलाफ है और केवल कोचिंग सेंटरों को फायदा पहुंचाने के लिए है.


मुख्य विपक्षी दल अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) और राज्य की अधिकांश पार्टियां नीट के विरोध में हैं.


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