नई दिल्ली: विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई का सपना देख रहे छात्रों को भी अब नीट एग्जाम देना होगा. विदेश में भी मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए सरकार ने नीट परीक्षा को अनिवार्य कर दिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक मई 2018 के बाद से विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने का सपना देख रहे छात्रों के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी-कम-एंट्रेंस टेस्ट (नीट) देना अनिवार्य होगा.


बता दें कि इसी महीने मंत्रालय ने देश के सरकारी और गैर-सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एडमीशन के लिए नीट परीक्षा अनिवार्य कर दी है.

एक आधिकारिक बयान में मंत्रालय ने कहा, ‘यह सूचित किया जाता है कि भारतीय छात्र जो देश के बाहर किसी भी मेडिकल संस्थान से प्राइमरी मेडिकल क्वालीफिकेशन हासिल करना चाहते हैं, उन्हें नीट एग्जाम देना होगा. यह नियम मई 2018 से लागू होगा’.

मंत्रालय ने यह भी कहा अभी विदश में प्राइमरी मेडिकल क्वालीफीकेशन हासिल कर रहे स्टूडेंट्स पुराने नियम के मुताबिक मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया से एलिजिबलिटी सर्टिफिकेट हासिल कर सकते हैं.

नेशनल एलिजिबिलिटी-कम-एंट्रेंस टेस्ट (नीट) की परीक्षा हर साल सरकारी और गैर सरकारी कॉलेजों में मेडिकल कोर्स (एमबीबीएस, एमएस, बीडीएस आदि) में दाखिले के लिए आयोजित की जाती है.