NEET Paper Leak Case: देश के चर्चित नीट पेपर लीक मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने बीते शनिवार (05 अक्टूबर) को पटना कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें एजेंसी ने 21 लोगों को आरोपी बनाया. ये चार्जशीट 120 बी, 108, 201, 380, 409, 411, 420 आईपीसी, सेक्शन 13(2), 13(1)(a) और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 के तहत दाखिल की गई है.
तीसरी चार्जशीट 5500 से ज्यादा पेज की है, जिसमें सीबीआई ने 298 गवाहों के बयान, 290 डॉक्युमेंट्स, 45 मैटीरियल ऑब्जेक्ट्स शामिल किए हैं. जांच में सामने आया कि नीट यूजी 2024 क्वेश्चन पेपर हजारीबाग के OASIS स्कूल के कंट्रोल रूम से 5 मई 2024 की सुबह चुराया गया था, जब ट्रंक बैंक वॉलेट से सुबह 8 बजे स्कूल पहुंचे थे.
चार्जशीट में सीबीआई ने इन लोगों को बनाया आरोपी
आरोप पत्र में सीबीआई ने राज कुमार सिंह उर्फ राजू सिंह, सुरेंद्र कुमार शर्मा उर्फ मोई, राकेश रंजन उर्फ रॉकी, शशिकांत पासवान उर्फ शशि उर्फ पासु, अभिनास कुमार उर्फ बंटी, करन जैन, कुमार शानू, राहुल आनंद, चंदन सिंह, सुरभि कुमारी, दीपेंद्र शर्मा, कुमार मंगलम विश्नोई, रौनक राज, सन्दीप कुमार, अमित कुमार, संजय कुमार, रंजीत कुमार बीयूरा उर्फ पिंटू, अमित प्रसाद महाराणा उर्फ मन्नू, धीरन कुमार पांडा, सुशांत मोहंती और पंकज कुमार उर्फ आदित्य को आरोपी बनाया है.
नीट पेपर लीक मामले में क्या है अब तक सीबीआई की जांच?
आरोपी पंकज कुमार की प्रिंसिपल अहसान उल हक और वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज ने साजिश रचकर कंट्रोल रूम में एंट्री कराई थी. पंकज कुमार ने ट्रंक के हिंज को टेम्पर किया जिसमे नीट के पेपर्स थे और एक पेपर निकाल कर उसकी फोटोग्राफ ली और पेपर वापिस रखकर कंट्रोल रूम से बाहर आ गया.
पंकज ने ट्रंक को खोलने के लिए एक आधुनिक टूल का इस्तेमाल किया था, जिसको सीबीआई ने पंकज कुमार के घर से रिकवर किया था. स्कूल से निकलकर पंकज ने अपने साथी सुरेंद्र को पेपर की फोटो दी जो हजारी बाग के राज गेस्ट हाउस में रुका हुआ था.
पेपर निकालकर इन सॉल्वर्स के पास पहुंचाया
राज गेस्ट हाउस में चोरी किए गए पेपर को प्रिंट किया गया और सॉलवर्स के एक ग्रुप को दिया गया जिनके नाम विजकर्ण जैन, कुमार शानू, राहुल आनंद, चंदन सिंह, सुरभि कुमारी, दीपेंद्र शर्मा, रौनक राज, सन्दीप कुमार, अमित कुमार थे.
ये सभी एमबीबीएस के स्टूडेंट्स हैं जिन्होंने पिछले कुछ सालों में मेरिट पर सीट हासिल की थी. इन सभी स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया गया था. इन स्टूडेंट्स ने एक साथ मिलकर पेपर को सॉल्व किया था. Botany, zoology इसके बाद कैमिस्ट्री और फिर एंड में फिजिक्स के पेपर को सॉल्व किया गया.
सुलझाए हुए पेपर को उन कैंडिडेट्स को डिस्ट्रीब्यूट किया गया जो राज गेस्ट हाउस में मौजूद थे. हजारीबाग के गेस्ट हाउस में पेपर को बाटकर सॉल्व पेपर को स्कैन किया गया और डिजिटली दूसरी जगहों पर भेजा गया जहां पर आरोपियो ने इसे रिसीव किया.
इसके बाद गैंग मेम्बर्स ने सौलवड पेपर की कॉपी प्रिंट कराई और फिजिकली प्रेजेंट कैंडिडेट्स को दी. जिन कैंडिडेट्स ने एडवांस में पेमेंट की थी. बस उन्हीं कैंडिडेट्स को पेपर बाटने वाली लोकेशन पर बुलाया गया था. इन कैंडिडेट्स को 12.15 बजे के बाद उनके एग्जाम सेंटर जाने दिया गया पर अपने साथ पेपर की कॉपी ले जाने के लिए मना किया गया था.
हर लोकेशन पर आरोपियों ने सॉल्व पेपर की कॉपी को डिस्ट्रॉय किया. कैंडिडेट्स से कॉपी वापस लेकर जला दी गई. इन लोकेशन पर केम्डडेट्स को मोबाइल फोन लाने की अनुमति नहीं थी. लर्न प्ले स्कूल से जला हुआ पेपर मिला था और पेपर पर कोड वर्ड के जरिए सीबीआई पटना और फिर हजारीबाग पहुची.
इसके बाद सीबीआई ने गैंग मेम्बर्स और सॉलवर्स गैंग की पहचान की. सीबीआई ने उन 144 स्टूडेंट्स की पहचान की, जिन्होंने अलग-अलग लोकेशन से चोरी के पेपर से फायदा उठाया था. इनके खिलाफ एक्शन लिया गया मुख्य आरोपियो के 21 फोन जब्त किए थे.
अभी तक 49 आरोपियो को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें मुख्य साजिशकर्ता और सॉल्वर्स शामिल हैं. वहीं, अभी तक 40 आरोपियों के खिलाफ तीन चार्जशीट दाखिल की गई हैं और जांच लगातार जारी है.