NEET Paper Leak: बिहार सरकार ने नीट-यूजी में अनियमितताओं के आरोपों की जांच सीबीआई को हैंडओवर कर दी है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक लोकल पुलिस की जांच में अभी तक कुछ महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है. 


सामने आई ये अहम जानकारी


सीबीआई को जानकरी मिली है कि इस पूरे पेपर लीक कांड को एक संगठित तरीके से अंजाम दिया गया. पेपर करीब 48 घंटे पहले लीक हुआ था. जिन केंडिडेट ने पैसा दिया थे उन्हें एक रात पहले ही मुहैया करवाया गया था. इसी वजह है कि पेपर लीक पेन इंडिया नहीं हो पाया. आरोपी इतने शातिर थे कि उन्होंने कैंडिडेट्स को लीक क्वेश्चन पेपर का लिमिटेड एक्सेस दिया था


अभी तक क्वेश्चन पेपर के बॉक्स में किसी भी तरह की छेड़छाड़ का कोई सुराग नहीं मिला है. जिन बैंक के लॉकर के क्वेश्चन पेपर रखा गया, जिन कूरियर कंपनियों ने बैंक तक और वहां से सेंटर भेजा है, सभी के बयान दर्ज होंगे. उनके रूट की मैपिंग होगी. जांच एजेंसी को शक है कि पेपर लीक उस समय हुआ जब इन्हें बैंक के लॉकर तक भेजा जा रहा था. जो जला हुआ क्वेश्चन पेपर बरामद हुआ उसे NTA के रेफेरेंस क्वेश्चन पेपर CFSL में मैच किया जा रहा है. 


हो चुकी हैं 24 लोगों की गिरफ्तारी 


इस मामले में अभी तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिसमें से 3 लोगों को बिहार के पटना, झारखंड के देवघर से 5, गुजरात के गोधरा से 5, महाराष्ट्र के लातूर से एक शख्स से है. EOU ने झारखंड के देवघर से तीन साइबर क्रिमिनल  काजू, बिट्टू और पंकु मुख्यतौर को गिरफ्तार किया है.


उनके पास 11 पोस्ट डेटेड चेक, दर्जनों सिम कार्ड भी बरामद किए गए हैं. सीबीआई ने पेपर लीक की जांच शुरू कर दी है. इस मामले में सीबीआई सभी पांच केस बिहार और गुजरात में एक-एक और राजस्थान में पेपर लीक के पांच मामलों की जांच करेगी. ईओयू ने जांच सीबीआई को सौंप दी है.


यह भी पढ़े: ओम बिरला होंगे NDA के उम्मीदवार, फिर से बन सकते हैं लोकसभा स्पीकर