NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक विवाद पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि सरकार के लिए छात्रों का हित सर्वोपरि है. उन्होंने नीट एग्जाम करवाने वाली संस्था 'नेशनल टेस्टिंग एजेंसी' (एनटीए) के प्रमुख सुबोध सिंह को हटाने की भी जानकारी दी है. शिक्षा मंत्री ने बताया है कि एनटीए में सुधार के लिए सात सदस्यों वाली समिति गठित की गई है. उन्होंने ये भी बताया कि एनटीए की कमान नए अधिकारी को दे दी गई है.
धर्मेंद्र प्रधान ने एनटीए पर जबरदस्त तरीके से एक्शन लिया है. पेपर लीक के आरोपों के बीच नीट पर ट्रिपल एक्शन लेते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि एनटीए के डीजी सुबोध सिंह को हटा दिया गया है. उनकी जगह भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला को एनटीए की कमान दी गई है. प्रधान ने कहा कि नीट कथित पेपर लीक की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया है.
एनटीए में सुधार के लिए कमेटी गठित
शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्रों के हक में बड़ा फैसला लिया गया है. एनटीए में सुधार के लिए इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉ के राधाकृष्णन के नेतृत्व में हाई लेवल कमेटी बनाई गई है. इसमें एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया समेत देश के सात दिग्गज रिसर्चर, स्कॉलर और साइंटिस्ट शामिल हैं. ये कमेटी परीक्षा प्रक्रिया की दक्षता में सुधार लाने, सभी संभावित गड़बड़ियों को समाप्त करने, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने के सिलसिले में भी काम करेगी.
नीट यूजी एग्जाम पांच मई को आयोजित की गई थी. इसका आयोजन 4750 केंद्रों पर किया गया था. इस परीक्षा में 24 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया था. पहले नीट यूजी का रिजल्ट 14 जून को घोषित किया जाना था, लेकिन नतीजों का ऐलान 10 दिन पहले यानी 4 जून को ही कर दिया गया. रिजल्ट आने के बाद पेपर लीक का आरोप लगने लगा, क्योंकि कई सेंटर्स पर एक जैसे नंबर कई छात्रों के आए. धीरे-धीरे पता चला कि बिहार में पेपर लीक की घटना भी हुई है.
यह भी पढ़ें: NEET Paper Leak: NEET पेपर लीक में गुजरात-बिहार के बाद अब महाराष्ट्र कनेक्शन, हिरासत में लिए गए 2 टीचर