NEET Protest: नीट पेपर लीक मामले को लेकर विरोध जताते हुए कांग्रेस की स्टूडेंट विंग एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के आवास के बाहर प्रदर्शन किया. इस संबंध में अब दिल्ली पुलिस ने एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. पुलिस ने एनएसयूआई कार्यकर्ता हनी बग्गा, राजवर्धन और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. नीट पेपर लीक को लेकर देशभर में प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच चुका है.


दरअसल, एनएसयूआई के छात्र नेताओं के ऊपर आरोप है कि उन्होंने नई दिल्ली जिले में लागू धारा 144 का उल्लंघन करते हुए बिना इजाजत कुशक रोड पर प्रदर्शन किया. कुशक रोड पर कोठी नंबर 19 में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान रहते हैं. एनएसयूआई के यह सभी छात्र नेता नीट एग्जाम मामले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. दिल्ली पुलिस ने धारा 188 के तहत इन सभी पर मुकदमा दर्ज किया है. एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए जंतर-मंतर पर भी जोरदार प्रदर्शन किया था. 


नीट एग्जाम को रद्द करने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार


दरअसल, नीट-यूजी एग्जाम में धांधली और पेपर लीक का आरोप लगा है. नीट का रिजल्ट 4 जून को सामने आया, जिसके बाद देशभर में पेपर लीक का मुद्दा उठने लगा. इसकी वजह ये रही कि कई सेंटर्स पर छात्रों के एक समान नंबर आए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नीट एग्जाम को रद्द करने की मांग की गई. हालांकि, अदालत ने एग्जाम को रद्द करने से इनकार कर दिया और कहा कि ऐसा करना अनुचित होगा. अदालत ने काउंसलिंग प्रक्रिया पर भी रोक लगाने से इनकार किया है. 


1563 छात्रों को दोबारा देना होगा एग्जाम


सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और एग्जाम करवाने वाली एजेंसी एनटीए ने बताया था कि 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. इसे अब रद्द कर दिया गया है. छात्रों के पास ऑप्शन है कि वे या तो ग्रेस मार्क्स छोड़ दें या फिर दोबारा से एग्जाम दें. ग्रेस मार्क्स की वजह से ही कई सारे छात्रों के ज्यादा नंबर आ गए थे. इसे लेकर ही लोगों ने विरोध किया. एनटीए ने कहा है कि दोबारा एग्जाम 23 जून को करवाए जाएंगे और नतीजों का ऐलान 30 जून को किया जाएगा. काउंसलिंग की तारीख 4 जुलाई ही रहेगी.


नीट यूजी रिजल्ट पहले 14 जून को जारी होने वाला था, लेकिन आंसर सीट समय से पहले हो गया, जिसके बाद 4 जून को रिजल्ट का ऐलान कर दिया. इसके बाद बिहार जैसे राज्यों में क्वेश्चन पेपर लीक होने और अन्य अनियमितताओं का आरोप लगा. आरोपों की वजह से कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए. नीट एग्जाम के खिलाफ सात हाईकोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं. 


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