(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Paper Leak Row: नीट पेपर लीक मामले में कोर्ट ने आरोपी संजय जाधव की पुलिस कस्टडी 2 जुलाई तक बढ़ाई
NEET Paper Leak Case: नीट यूजीसी पेपर लीक मामले में महाराष्ट्र से गिरफ्तार संजय जाधव और जलील पठान दोनों आरोपियों की 2 जुलाई तक के लिए पुलिस हिरासत बढ़ाई गई है.
Maharashtra: नीट पेपर लीक मामले में महाराष्ट्र जो दो आरोपी गिरफ्तार हुए थे, उनमें से एक संजय जाधव को आज मंगलवार (25 जून) को लातूर कोर्ट में पेश किया गया. अदालत ने उसे 2 जुलाई तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है. इससे पहले दूसरे आरोपी जलील पठान को भी कोर्ट ने 2 जुलाई तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया था.
मामले पर पुलिस का कहना है कि अभी ये पता लगाना बाकी है कि किस तरह से इनके लिंक दिल्ली तक जुड़े हुए हैं, इसकी तलाश करनी है. पेपर लीक मामले में एटीएस ने महाराष्ट्र में 4 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है जिसमें जलील पठान, संजय जाधव, कोंगलवार और दिल्ली का एक चौथा शख्स है जिसे गंगाधर से जाना जाता है शामिल हैं.
दो संदिग्ध शिक्षकों को भी बनाया गया आरोपी
महाराष्ट्र एटीएस के मुताबिक, शनिवार रात को पूछताछ के लिए आए दो संदिग्ध शिक्षकों को भी आरोपी बनाया गया है. एटीएस ने प्रवेश परीक्षा के आयोजन में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में जिले में एक निजी कोचिंग सेंटर चलाने वाले दो शिक्षकों को हिरासत में लिया है.
एटीएस के हाथ लगे अहम सबूत
दरअसल एटीएस की टीम को इन दोनों शिक्षकों के मोबाइल फोन में नीट से जुड़े कई छात्रों के हाल टिकट मिले हैं. साथ ही कुछ ऐसे सबूत भी हाथ लगे हैं जिनसे पैसों का लेनदेन हुआ है. इन तथ्यों के चलते एटीएस की टीम ने शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में दोनों संदिग्ध शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. पूछताछ के बाद दोनों शिक्षकों को छोड़ दिया गया था, लेकिन सबूत मिलने के बाद इन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया.
गौरतलब है कि 5 मई को हुई नीट की परीक्षा में धांधली की बात सामने आई थी. 4 जून को आए इसके नतीजे के बीच पेपर लीक की खबरों ने तूल पकड़ लिया. इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई और बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों से इसके तार जुड़े होने की बात सामने आई है. इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. बिहार सरकार की आर्थिक अपराध इकाई ने अपनी जांच में साफ किया कि पेपर लीक हुआ है. ईओयू ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है, जिसके बाद इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया.
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