NEET PG 2021: देश की राजधानी दिल्ली में NEET PG 2021 काउंसलिंग में देरी के खिलाफ फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने रूटीन और इमरजेंसी सेवा दोनों का बहिष्कार कर दिया है. जिसके बाद बीते दिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के साथ डॉक्टरों की बैठक हुई लेकिन कोई उचित समाधान पर ना पहुंचने के कारण डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है. 


फेडरेशन फॉर रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के अध्यक्ष डॉक्टर मनीष सिंह ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि, डॉक्टरों की बैठक पहले भी 27 नवंबर को हुई थी, जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा मौखिक आश्वासन दिया गया था, जिसके बाद प्रदर्शन को लगभग खत्म कर दिया था, लेकिन उस आश्वासन पर सरकार खरी नहीं उतरी इसलिए हमें इमरजेंसी सर्विस बंद करनी पड़ी थीं.


जब तक हल नहीं मिलेगा तब तक स्ट्राइक जारी रहेगी- FORDA अध्यक्ष


बैठक में मौजूद डॉक्टरों के मुताबिक 6 दिसंबर को हुई बैठक में दोबारा मौखिक आश्वासन दिया गया है. FORDA अध्यक्ष कहते हैं कि 10 हजार डॉक्टरों को सिर्फ आश्वासन के जरिए समझाना मुश्किल है इसलिए हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बोला है कि हमें लिखित आश्वासन दें. ऐसा लगना चाहिए कि सरकार समाधान निकालने की कोशिश कर रही है. जब तक कोई कंक्रीट सॉल्यूशन नहीं मिलेगा तब तक स्ट्राइक जारी रहेगी. उन्होंने कहा था कि शाम तक अपडेट दी जाएगी लेकिन अब तक कोई अपडेट नहीं है. 


FORDA अध्यक्ष ने आगे कहा कि, सफदरजंग, RML, लेडी हार्डिंग, GTB अस्पताल में हड़ताल के कारण ओपीडी-इमरजेंसी सेवाओं पर असर देखने को मिल सकता है. अगर हड़ताल आज भी जारी रहती है तो इसका सीधा असर गरीब लोगों के इलाज पर पड़ेगा. गौरतलब है कि राजधानी में इलाज कराने के लिए भारी संख्या में लोग सभी प्रदेशों से आते हैं. डॉक्टर मनीष कहते हैं कि हड़ताल के कारण डॉक्टरों पर नैतिक दबाव भी पद रहा है जो ना चाहते हुए भी मजबूरन हड़ताल कर रहे हैं. वो कहते हैं कि "हम कभी नहीं चाहते हमारे कारण किसी मरीज का नुकसान हो लेकिन हम भी इंसान हैं. कब तक काम करते रहेंगे. पिछले डेढ़ दो साल से कोरोना की लहर में डॉक्टरों ने दिन रात काम किया है कितनों ने जान भी गंवा दी.


45 हजार डॉक्टर नीट पीजी क्वालिफाई कर घर बैठे हैं- FORDA अध्यक्ष


FORDA अध्यक्ष बोले, रेजिडेंट डॉक्टर जिन्हें ज्वाइन करना था वो पूरा बैच गायब है जिस कारण यहां काम कर रहे डॉक्टरों पर भारी वर्क लोड है. वो एक ड्यूटी में 38 घंटों तक काम कर रहे हैं. पूरे हफ्ते 100 घंटे से ज्यादा काम कर रहे हैं. काफी थक चुके हैं. काउंसलिंग जल्दी करवाएं और जो 45 हजार डॉक्टर जो नीट पीजी क्वालीफाई कर  घर पर बैठे हैं उनको बुलाया जाए क्योंकि कोरोना वायरस की तीसरी लहर भी आशंकित है."


रेजिडेंट डॉक्टरों ने रूटीन और इमरजेंसी सेवा दोनों के बहिष्कार का ऐलान किया है जिसकी वजह चार अस्पतालों में ओपीडी के साथ-साथ अब इमरजेंसी में भी इलाज के लिए आने वाले मरीजों को परेशानी हो सकती है. साथ ही दिल्ली के कई और बड़े सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों की स्ट्राइक की वजह से ओपीडी सेवा प्रभावित रहेगी.


कब तक चलेगी हड़ताल? 


FORDA अध्यक्ष ने साफ कर दिया है कि फिलहाल कोई समाधान न मिलने तक हड़ताल चलती रहेगी. "हम चाहेंगे जल्द से जल्द समाधान निकले, हम समाधान मिलते ही स्ट्राइक कॉल ऑफ कर देंगे."


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