(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Explained: दिल्ली में हड़ताल पर क्यों हैं रेजिडेंट डॉक्टर, कल क्यों हुआ बवाल और इनकी क्या हैं मांगें?
Doctors Strike: डॉक्टरों ने आज सुबह 8 बजे दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाओं को पूरी तरह ठप कर दिया है. ऐसे में सवाल ये कि दिल्ली में डॉक्टर नाराज रहेंगे तो इलाज कौन करेगा?
Doctors Strike: देश की राजधानी दिल्ली में पिछले 11 दिनों की जारी डॉक्टरों की हड़ताल में नया पेंच आ गया है. कल रात धरना प्रदर्शन के दौरान डॉक्टरों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, जिसके बाद डॉक्टरों ने सरोजनी नगर थाने का थेराव किया. पुलिस ने डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज कर लिया. जिसके बाद अब दिल्ली में डॉक्टरों और पुलिस के बीच घमासान शुरू हो गया है.
डॉक्टर माफी की मांग कर रहे हैं तो पुलिस का कहना है कि डॉक्टरों के साथ मारपीट नहीं हुई है. अब डॉक्टरों ने आज सुबह 8 बजे दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाओं को पूरी तरह ठप कर दिया है. ऐसे में सवाल ये कि दिल्ली में डॉक्टर नाराज रहेंगे तो इलाज कौन करेगा?
- रेजिडेंट डॉक्टरों ने दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाओं को पूरी तरह से ठप कर दिया है.
- सभी अस्पतालों में ओपडी में ताला लगाया जा रहा है.
- जूनियर डॉक्टर इमरजेंसी में भी ड्यूटी नहीं देंगे.
11 दिनों से डॉक्टरों की हड़ताल जारी
दरअसल नीट-पीजी काउंसलिग जल्द कराने की मांग को लेकर दिल्ली में पिछले 11 दिनों से डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. काउंसलिग का मामला सुप्रीम कोर्ट में है. लिहाजा डॉक्टरों ने कल सुप्रीम कोर्ट का घेराव करने के लिए पैदल मार्च निकाला. लेकिन पुलिस ने प्रदर्शन शुरु होते ही डॉक्टरों को रोक लिया. इस दौरान पुलिस के साथ डॉक्टरों की हाथापाई भी हुई. दावा है कि 2500 डॉक्टरों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया हालांकि बाद में पुलिस ने सबको छोड़ दिया.
पुलिस के इस कार्रवाई से नाराज डॉक्टरों ने रात में सफदरगंज अस्पताल से मार्च निकाला और सरोजनी नगर थाने का घेराव किया. इस दौरान डॉक्टरों ने जमकर नारेबाजी की. डॉक्टरों का आरोप है कि पुलिस ने डॉक्टरों के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की. डॉक्टरों ने दिल्ली के पुलिस कमीश्नर को मामले पर चिट्ठी भी लिखी है. पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए पुलिस के एक्शन पर सवाल भी पूछा है कि आखिरकार शांतिपूर्ण मार्च में पुलिस ने गलत व्यव्हार क्यों किया?
वहीं एम्स के रेजिंडेंट डॉक्टरों के संगठन ने स्वास्थ्य मंत्री के नाम चिट्ठी लिखकर सरकार और पुलिस से माफी की मांग की है. हालांकि पुलिस मारपीट के आरोपों से इंकार कर रही है. मामले में पुलिस डॉक्टरों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई में बाधा डालने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में केस दर्ज किया है.
मरीजों को भुगतना पड़ रहा है हड़ताल का खामियाजा
दरअसल नीट पीजी काउंसलिंग का यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं. कोर्ट की ओर से सुनवाई के लिए आगामी छह जनवरी का दिन तय किया गया है, लेकिन काउंसलिंग पहले कराने के लिए डॉक्टर बीते 11 दिन से हड़ताल पर हैं. सफदरजंग, लोकनायक, जीटीबी, जीबी पंत, आरएमएल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज जैसे बड़े अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स प्रदर्शन कर रहे है. इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.
डॉक्टरों की हड़ताल क्यों ?
- NEET-PG परीक्षा में 9 महीने की देरी हुई
- जनवरी की जगह सितंबर में हुई परीक्षा
- रिजल्ट के बावजूद अब तक काउंसलिंग नहीं
- अस्पतालों को नए डॉक्टर्स नहीं मिल रहे
- मौजूदा डॉक्टरों पर काम का ज्यादा बोझ
- अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों की भारी कमी
- 36 घंटे तक लगातार ड्यूटी कर रहे डॉक्टर
रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग
- काउंसलिंग के लिए सरकार तुरंत कदम उठाए
- SC के पाले में गेंद ना डाले सरकार
- काउंसलिंग की तारीखों का एलान हो
- फास्ट ट्रैक के जरिए SC में सुनवाई हो
- मौजूदा डॉक्टरों पर काम का बोझ कम हो
- 1 लाख जूनियर डॉक्टरों की कमी पूरी हो
- ओमिक्रोन संकट को देखते हुए फैसला जरूरी