NEET Supreme Court Hearing: मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम नीट में धांधली को लेकर गुरुवार (18 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान नीट एग्जाम के लिए एप्लिकेशन फॉर्म भरते समय सेंटर चुनने को लेकर चर्चा हो रही थी, तभी एक वकील ने कुछ ऐसा कहा, जिस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ नाराज हो गए. वकील के जरिए आईआईटी मद्रास द्वारा रिजल्ट को लेकर किए गए डेटा एनालिसिस पर सवाल उठाया गया था. इस पर सीजेआई ने कहा कि बात साबित करने के लिए फैक्ट्स रखें. 


सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि नीट एक गंभीर मामला है, जिस पर जल्द सुनवाई की जरूरत है. सीजेआई ने बताया कि हमें सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट मिल गई है, लेकिन हम उसे सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं, क्योंकि इससे जांच पर असर पड़ेगा. सीजेआई की नेतृत्व वाली पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आपको हमारे सामने यह साबित करना पड़ेगा की नीट में गड़बड़ी और लीक बड़े पैमाने पर हुई है और एग्जाम को रद्द करने के अलावा कोई और चारा नहीं है.


'IIT मद्रास के डेटा एनालिसिस पर नहीं किया जा सकता भरोसा' 


सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने आईआईटी मद्रास के जरिए किए गए डेटा एनालिसिस का जिक्र किया और बताया कि इस पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उसमें कई तथ्य सामने नहीं आए हैं. चीफ जस्टिस ने एनटीए के वकील से तब पूछा कि क्या कोई छात्र अपना दूसरे राज्य में भी जाकर अपने आप से अपना सेंटर चुन सकता है. वकील ने कोर्ट को बताया कि छात्र राज्य का तो चुनाव कर सकता है, लेकिन सेंटर कौन सा होगा यह सिस्टम से तय होता है.


बात साबित करने के लिए दीजिए फैक्ट: सीजेआई चंद्रचूड़


सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि कितने छात्रों ने सेंटर बदला. तभी याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील मैथ्यूज नेदुम्परा ने कहा कि चर्चा भटक रही है. यहां सिर्फ मुद्दा है कि क्या री-एग्जाम की जरूरत है, लेकिन अभी किसी और ही चीज पर बात हो रही है. 


ये सुनकर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ नाराज हो गए और उन्होंने कहा, नहीं, यह मुद्दे की जड़ है. इस पर वकील नेदुम्परा ने आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट को झूठा करार दिया. इस पर सीजेआई ने कहा कि किसी प्रमुख संस्थान के विरुद्ध ऐसे शब्दों का इस्तेमाल न करें. अपनी बात साबित करने के लिए हमें फैक्ट दीजिए. 


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