Neet Exam Hearing: NEET में जिन्हें मिले ग्रेस मार्क्स, उन बच्चों के पास SC के निर्देश के बाद अब क्या है ऑप्शन
Neet Supreme Court Hearing: एमबीबीएस जैसे मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए हर साल नीट परीक्षा का आयोजन होता है. इस बार नीट परीक्षा में धांधली का आरोप लगा है.
NEET Exam: नीट परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (13 जून) को हुई सुनवाई के दौरान छात्रों को अदालत की तरफ से एक खास निर्देश मिला है. ये निर्देश उन बच्चों के लिए है, जिन्हें ग्रेस मार्क्स मिले हैं. अदालत ने कहा है कि ऐसे छात्रों के पास ऑप्शन है कि वे फिर से एग्जाम दें या 4 ग्रेस मार्क्स छोड़कर नई रैंक को स्वीकार करें. अदालत ने कहा कि हमने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि फिलहाल काउंसलिंग पर रोक नहीं लगाई जा रही है. इस मामले में एनटीए को नोटिस भी जारी किया गया था.
केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने अदालत को बताया कि एनटीए की तरफ से एक कमिटी गठित हुई थी. इस कमिटी ने सुझाव दिया है कि करीब 1600 बच्चों को फिर से एग्जाम देना चाहिए. मुख्य विवाद इन 1600 बच्चों को लेकर ही है. उन्होंने बताया कि अगर बच्चे दोबारा से एग्जाम नहीं देते हैं तो उनको ग्रेस मार्क्स हटाकर देखा जा सकता है. अदालत ने कहा कि अभी पूरी तरह से एग्जाम को रद्द कर देना उचित तरीका नहीं है. कोर्ट को बताया कि छह ऐसे सेंटर्स हैं, जहां ग्रेस मार्क्स दिए गए.
रिएग्जाम के बाद जारी होगी नई रैंकिंग
नीट एग्जाम 5 मई को करवाए गए थे, जिसके लिए 6 जुलाई को काउंसलिंग भी होने वाली है. कुल मिलाकर 1563 बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें दोबारा से एग्जाम देने या फिर 4 ग्रेस मार्क्स छोड़कर नई रैंक स्वीकार करने का ऑप्शन दिया गया है. रिएग्जाम के बाद 30 जून को नई रैंकिंग सामने आएगी. इसका मतलब ये है कि वर्तमान में जो रैंक तय की गई है, वो खारिज हो जाएगी. सुप्रीम कोर्ट एग्जाम को पूरी तरह से रद्द करने के बारे में नहीं सोच रही है.
नीट एग्जाम में गड़बड़ी और ग्रेस मार्क्स को लेकर है विवाद
दरअसल, ऑनलाइन स्टडी प्लेटफॉर्म ‘फीजिक्स वाला’ के मुख्य कार्यकारी अलख पांडे ने नीट में शामिल होने वाले 1,500 से ज्यादा छात्रों को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के जरिए कथित तौर पर बेतरतीब ढंग से ग्रेस मार्क्स दिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया है कि वह नीट-यूजी 2024 की परीक्षा प्रक्रिया और रिजल्ट की जांच के लिए अपनी निगरानी में विशेषज्ञों की एक समिति गठित करे.
इससे पहले कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि नीट एग्जाम की विश्वसनीयता प्रभावित हुई है. कोर्ट ने कथित तौर पर पेपर लीक होने और अन्य गड़बड़ियों के आधार पर नीट को फिर से कराने के अनुरोध वाली याचिका पर मंगलवार को केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी से जवाब मांगा था. वकील रोहित जैन के माध्यम से दायर अपनी याचिका में पांडे ने विशेषज्ञों की समिति को निर्देश देने का भी अनुरोध किया कि वह नीट परीक्षा आयोजित करने की प्रक्रिया में सुधार लाने पर विचार करे.