NEET UG Controversy: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (8 जुलाई) को नीट पेपर लीक मामले पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि 5 मई को आयोजित नीट प्रश्नपत्र लीक होने से प्रभावित हुई थी. सीजेआई ने गुजरात में छात्रों की ओर से पेश हुए वकील को फटकार लगाई, जो नीट परीक्षा रद्द न करने की मांग कर रहे थे. इस दौरान सीजेआई ने कहा कि कृपया मामले के निपटारे तक प्रतीक्षा करें.


हालांकि, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने कहा कि उन्हें यह तय करना होगा कि परीक्षा में किस हद तक समझौता किया गया था, ताकि यह तय किया जा सके कि दोबारा परीक्षा की जरूरत है या नहीं. वहीं, सीजेआई ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि परीक्षा की पवित्रता से समझौता किया गया है.अब, उस लीक का परिणाम क्या होगा, यह उस लीक की प्रकृति पर निर्भर करेगा.  


CJI ने दिया समिति गठन करने का सुझाव


इस दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यदि परीक्षा की पवित्रता खत्म हो जाती है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा. यदि दागी और बेदाग को अलग करना संभव नहीं है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा. सीजेआई ने आगे कहा कि यदि लीक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से हुआ है, तो यह जंगल में आग की तरह फैल सकता है और बड़े पैमाने पर लीक हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने पूरी प्रक्रिया में "रेड फ्लैग" की जांच के लिए एक समिति गठित करने का सुझाव दिया है.


CJI ने वकील को लगाई फटकार


सीजेआई चंद्रचूड़ ने गुजरात में छात्रों की ओर से पेश हुए वकील को फटकार लगाई, जो नीट परीक्षा रद्द न करने की मांग कर रहे थे. इस दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि, “कृपया मामले के निपटारे तक प्रतीक्षा करें.”


CJI ने पेपर लीक पर क्या कहा?


मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि नीट पेपर लीक ये प्रतिकूल मुकदमा नहीं है, क्योंकि हम जो भी फैसें लेंगे, वह छात्रों के जीवन को प्रभावित करेगा. उन्होंने कहा कि 67 उम्मीदवारों ने 720/720 नंबर मिले थे, अनुपात बहुत कम था. दूसरा, केंद्रों में बदलाव, यदि कोई अहमदाबाद में रजिस्टर करता है और अचानक चला जाता है. हमें अनाज को भूसे से अलग करना होगा ताकि री एग्जाम किया जा सके. हम नीट के पैटर्न को भी समझना चाहते हैं.


ये 23 लाख छात्रों की चिंता- CJI


चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? यह एक स्वीकार्य तथ्य है कि लीक हुआ है. हम केवल यह पूछ रहे हैं कि लीक से क्या फर्क हुआ है? हम 23 लाख छात्रों के जीवन से निपट रहे हैं. यह 23 लाख छात्रों की परेशानी है. जिन्होंने परीक्षा की तैयारी की है, कई ने पेपर देने के लिए काफी ट्रैवल भी किया है. इसमें खर्चा भी हुआ है.


परीक्षा रद्द करना अंतिम उपाय होना चाहए- CJI


सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि नीट पेपर लीक के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए हैं?और छात्र कहां हैं? 23 जून को 1563 छात्रों की दोबारा परीक्षा हो चुकी है. सीजेआई ने कहा कि क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों की तलाश कर रहे हैं. क्या हम छात्रों का पता लगा पा रहे हैं? परीक्षा रद्द करना अंतिम उपाय होना चाहिए, क्योंकि इसमें बहुत से छात्र शामिल हैं.


हर व्यक्ति चाहता बच्चे मेडिकल या इंजीनियरिंग करें- CJI


सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता पर टिप्पणी करते हुए सीजेआई ने कहा कि  "हम पढ़ाई की सबसे प्रतिष्ठित शाखा से निपट रहे हैं और हर मध्यम वर्ग का व्यक्ति चाहता है कि उसके बच्चे या तो मेडिकल या इंजीनियरिंग की पढ़ाई करें. मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा कि इस मामले में बड़ी चिंताएं शामिल हैं.


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