NEET Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट में नीट एग्जाम से जुड़ी याचिकाओं पर मंगलवार (23 जुलाई) को सुनवाई हुई. कोर्ट ने आईआईटी दिल्ली से फिजिक्स के एक सवाल पर रिपोर्ट मांगी थी. अदालत ने कहा कि आईआईटी दिल्ली ने बताया है कि डायरेक्टर प्रोफेसर बनर्जी ने फिजिक्स डिपार्टमेंट से एक समिति गठित की थी. समिति ने राय दी है कि एक सवाल का विकल्प 4 सही था. इसलिए एनटीए ने अपनी आंसर की में सही उत्तर दिया था जो विकल्प 4 था.
सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी परीक्षा में एक सवाल के सही उत्तर पर समिति की राय मांगी थी. कुछ छात्रों ने सवाल के दो विकल्पों के लिए अंक देने के एनटीए के फैसले को चुनौती दी. सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पूरे एग्जाम सिस्टम पर बात की. उनका कहना है कि पेपर लीक और गड़बड़ियों को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है. इससे सफल छात्र तनाव में हैं.
एनटीए ने क्वेश्चन पेपर लीक होने की बात स्वीकारी: याचिकाकर्ता
इससे पहले सुनवाई के दौरान नीट छात्रों की तरफ से पेश वकील ने अदालत को बताया था कि एनटीए ने क्वेश्चन पेपर लीक होने और लीक हुए क्वेश्चन पेपर व्हाट्सएप के माध्यम से शेयर किए जाने की बात स्वीकार की है. अदालत ने नीट एग्जाम को रद्द करने का अनुरोध कर रहे याचिकाकर्ताओं से यह दर्शाने को कहा कि परीक्षा आयोजित करने में व्यवस्थागत विफलता’’ हुई थी.
पीठ ने कहा कि अब तक रिकॉर्ड में ऐसा कोई सबूत नहीं है, जो यह दर्शाए कि क्वेश्चन पेपर लीक व्यापक स्तर पर हुआ था. उसने कहा कि पटना और हजारीबाग में कुछ गलत कृत्यों के उदाहरण हैं, लेकिन वे व्यवस्थागत विफलता को दर्शाने के लिए काफी नहीं हैं.
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