NEET पोस्ट ग्रेजुएशन काउंसिलिंग को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी, इस साल पूरी तरह लागू रहेगी केंद्र की अधिसूचना
NEET PG Reservations 2022: सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिकाओं के जरिए 29 जुलाई 2021 को केंद्र सरकार की तरफ से जारी की गई अधिसूचना को चुनौती दी गई थी.
NEET PG Reservations 2022: सुप्रीम कोर्ट ने नीट पीजी काउंसलिंग शुरू करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएशन में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के केंद्र के फैसले को सही ठहराया है. वहीं आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए रखी गई आय की सीमा से जुड़े विवाद पर बाद में विस्तार से सुनवाई बात कही है. फिलहाल केंद्र की तरफ से इस साल के लिए तय किए गए 8 लाख रुपए सालाना आमदनी के पैमाने को ही माना जाएगा. अगर इस आय सीमा में कोई संशोधन बाद में किया जाता है, तो वह अगले सत्र से लागू होगा.
सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिकाओं के जरिए 29 जुलाई 2021 को केंद्र सरकार की तरफ से जारी की गई अधिसूचना को चुनौती दी गई थी. इस अधिसूचना में इस साल से मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएशन में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण और 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण की बात कही गई थी. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि एक बार प्रवेश परीक्षा होने के बाद सीटों में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए था. याचिकाकर्ताओं ने आर्थिक रुप से कमजोर तबके के आकलन के लिए पूरे देश में एक समान 8 लाख रुपए की सालाना आमदनी को आधार बनाए जाने पर भी आपत्ति जताई थी. उनका कहना था कि देश के अलग-अलग हिस्सों की स्थिति अलग है. केंद्र ने बिना इस पर विचार किए जल्दबाजी में 8 लाख रुपए आमदनी की सीमा तय कर दी है.
मामले में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद 25 अक्टूबर को केंद्र ने काउंसलिंग रोक दी थी. हर साल मेडिकल पीजी में आने वाले लगभग 45 हज़ार नए छात्रों का दाखिला न होने से देश भर में जूनियर डॉक्टरों पर काम का बोझ काफी बढ़ गया था. इसे लेकर रेजिडेंट डॉक्टर लगातार आंदोलन कर रहे थे. आज सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और ए एस बोपन्ना की बेंच ने मामले में तुरंत स्पष्टता की आवश्यकता जताते हुए अंतरिम आदेश जारी किया.
2 जजों की बेंच ने 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को मंजूरी दे दी. वही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की पहचान के लिए पूरे देश में एक समान आठ लाख रुपए सालाना आमदनी को आधार बनाए जाने पर विस्तृत सुनवाई की जरूरत बताई. जजों ने कहा कि इस मसले पर मार्च के तीसरे हफ्ते में सुनवाई होगी. लेकिन फिलहाल काउंसिलिंग तुरंत किए जाने की जरूरत है. इसलिए, हम इस साल के लिए सरकार की तरफ से अजय भूषण पांडे कमेटी की सिफारिश के मुताबिक तय की गई आय की सीमा को मंजूरी दे रहे हैं. इसमें किया गया कोई भी बदलाव अगले सत्र से लागू होगा. फिलहाल इसी आधार को बनाए रखते हुए पीजी काउंसलिंग शुरू की जाएगी.