कोरोना वायरस: गुजरात सरकार का बड़ा फैसला, अन्य राज्यों से आने वालों को लानी होगी RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट
1 अप्रैल से गुजरात में अन्य राज्यों के उन्हीं लोगों को एंट्री मिल पाएगी, जिनके पास कोरोना की आरटी पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट होगी.
गांधीनगर: देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के नए मामलों में बड़ा इज़ाफा देखने को मिल रहा है. कई राज्य संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए सख्त कदम उठाने को मजबूर हुए हैं. इस बीच गुजरात के स्वास्थ्य विभाग ने भी कोरोना के फैलाव को रोकने के मकसद से सख्त कदम उठाया है. 1 अप्रैल से गुजरात में अन्य राज्यों के उन्हीं लोगों को एंट्री मिल पाएगी, जिनके पास कोरोना की आरटी पीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट होगी.
इससे पहले प्रदेश सरकार ने यह नियम केवल पड़ोसी महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों के लिए बनाया था जो कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित है. राज्य स्वास्थ्य विभाग ने अधिसूचना में कहा, ‘‘कई राज्यों में कोरोना वायरस से संक्रमण की दर बढ़ रही है. यह भी देखा गया है कि यात्रा करने वालों के संक्रमित होने की आशंका अधिक है.’’
विभाग ने कहा कि इसलिए गुजरात में दाखिल होने वालों को यहां आने से 72 घंटे पहले आरटी-पीसीआर पद्धति से जांच कराना और संक्रमण मुक्त होने का रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा.
गुजरात में शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के 2 हज़ार 190 नए मामले सामने आए, जो कि अब तक एक दिन में सामने आए सबसे अधिक मामले हैं. राज्य में इस समय 10 हज़ार 134 मरीजों का इलाज चल रहा है. रिकॉर्ड मामलों को देखते हुए प्रशासन ने सख्ती दिखाई है और 1 अप्रैल से बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है.
होली के लिए आदेश जारी
गुजरात में होली के शुभ अवसर पर होलिका दहन करने की इजाजत होगी, लेकिन होली खेलने के लिए सभी तरह आयोजन पर रोक लगा दी गई है. होलिका दहन परंपरा का निर्वहन भी सीमित संख्या में लोगों की मौजूदगी में किया जा सकता है.
गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि आवासीय सोसायटियों और गांवों में सीमित संख्या में लोगों की मौजूदगी के साथ सरकार ‘होलिका दहन’ की इजाजत देगी. उन्होंने कहा कि लोगों को भीड़ में एक दूसरे पर रंग डालने की अनुमति नहीं होगी. पटेल ने कहा, 'इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हालांकि मुझे विश्वास है कि गुजरात के लोग नियमों का पालन करेंगे और होली नहीं खेलेंगे.'
IIM अहमदाबाद और IIT गांधीनगर में कई केस
कोरोना वायरस संक्रमण की नई लहर से दो प्रतिष्ठित संस्थान आईआईएम-अहमदाबाद और आईआईटी-गांधीनगर काफी प्रभावित हुए हैं और इन दो संस्थानों में सक्रिय मामलों की संख्या दोहरे अंकों में है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद में इस समय संक्रमण के 40 मरीज हैं, जबकि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-गांधीनगर में 25 मरीज हैं.
आईआईएम-गांधीनगर ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘‘12 मार्च तक कुछ मामलों को छोड़कर आईआईएम-अहमदाबाद का परिसर लगभग कोविड-19 मुक्त था. लेकिन इसके बाद संक्रमित विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने लगी. इनमें से कई में संक्रमण के लक्षण नहीं हैं.’’
बयान में बताया गया कि संक्रमण के शुरुआती पांच मामले 12-13 मार्च को सामने आए थे. अहमदाबाद नगर निगम के उप स्वास्थ्य अधिकारी मेहुल आचार्य ने बताया कि संस्थान में जांच के दौरान 22 विद्यार्थी और एक प्रोफेसर संक्रमित पाए गए थे और उन्हें क्वारंटीन में रखा गया है. बाद में फिर 17 अन्य व्यक्ति संक्रमित पाए गए.
आईआईएम-अहमदाबाद ने एक बयान में कहा कि संक्रमित पाए गए विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने की इजाजत नहीं दी गई. आईआईएम-अहमदाबाद सभी विद्यार्थियों और वहां रहने वाले लोगों की निशुल्क आरटी-पीसीआर जांच कर रही है और नए मामलों के मद्देनजर जांच की गति बढ़ा दी गई है.
गांधीनगर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. संस्थान के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘पिछले कुछ दिनों में 25 विद्यार्थी संक्रमित पाए गए. उन्हें पृथक-वास में रखा गया है और चिकित्सा टीम उनका ध्यान रख रही है. अब तक संकाय के सदस्य या कर्मी संक्रमित नहीं पाए गए हैं.’’