VP मेनन की जीवनी के हवाले से बोले विदेश मंत्री जयशंकर- 'पटेल को कैबिनेट में नहीं चाहते थे नेहरू'
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि सरदार पटेल को कैबिनेट में पंडित जवाहर लाल नेहरू नहीं रखना चाहते थे. वीपी मेनन की जीवनी के हवाले से विदेश मंत्री यह बात कही.
नई दिल्लीः पंडित जवाहर लाल नेहरू के पहले कैबिनेट में सरदार पटेल को शामिल करने को लेकर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वीपी मेनन की जीवनी से पता चला है कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू नहीं चाहते थे कि सरदार पटेल को उनके कैबिनेट रहें. एक के बाद एक कई ट्वीट करके एस जयशंकर ने कहा कि नेहरू ने पटेल को प्रारंभिक कैबिनेट सूची से हटा दिया था और यह बहस का विषय था.
इतिहास लिखने के लिए ईमानदारी चाहिए- जयशंकर
नारायणी बसु की ओर से लिखित वीपी मेनन की जीवनी 'वीपी मेनन: दि अनसंग आर्किटेक्ट ऑफ मॉडर्न इंडिया' का लोकार्पण करते हुए जयशंकर ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्व की राजनीति के लिए इतिहास लिखने के लिए ईमानदारी चाहिए.
एस जयशंकर ने ट्वीट करके कहा, ''नारायणी बसु द्वारा लिखित वीपी मेनन की जीवनी 'वीपी मेनन : द अनसंग आर्किटेक्ट ऑफ मॉडर्न इंडिया' का लोकार्पण किया. सरदार पटेल के मेनन और नेहरू के मेनन में काफी अतंर्विरोध है. वास्तव में एक ऐतिहासिक व्यक्ति के लिए बहुत प्रतीक्षित न्याय किया गया.''
Learnt from the book that Nehru did not want Patel in the Cabinet in 1947 and omitted him from the initial Cabinet list. Clearly, a subject for much debate. Noted that the author stood her ground on this revelation. pic.twitter.com/FelAMUZxFL
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 12, 2020
पटेल की स्मृतियों के मिटाने के लिए अभियान चलाए गए- जयशंकर
जयशंकर ने कहा कि वीपी मेनने के किताब में इस बात का जिक्र है, ''जब सरदार पटेल की मौत हुई तो उनकी स्मृतियों के मिटाने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाए गए. मैं यह जानता हूं. क्योंकि, मैंने यह देखा है. मैं खुद इसका शिकार हुआ हूं.''
कौन थे वीपी मेनन?
वीपी मेनन का पूरा नाम वाप्पला पंगुन्नि मेनन था. मेनन एक भारतीय प्रशासनिक सेवक थे, जो भारत के अन्तिम तीन वाइसरायों के संविधानिक सलाहकार और राजनीतिक सुधार आयुक्त थे. भारत के विभाजन के काल में और उसके बाद भारत के राजनीतिक एकीकरण में उनकी अहम भूमिका रही. बाद में वे स्वतंत्र पार्टी के सदस्य बन गए थे. मेनन ने ही जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और माउन्ट बैटन को मुहम्मद अली जिन्ना के मांग के हिसाब से बंटवारे का प्रस्ताव रखा. मेनन की कुशलता से सरदार पटेल काफी प्रभावित थे. स्वतंत्रता के बाद मेनन सरदार पटेल के अधिन राज्य मंत्रालय के सचिव बनाए गए थे. पटेल के साथ मेनन का काफी गहरा संबंध था.यह भी पढ़ें-
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