नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को संघ ने स्वयंसेवकों के लिए आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया था. मुखर्जी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत को हठधर्मिता, असहिष्णुता और धर्म के आधार परिभाषित नहीं किया जा सकता. अगर हम भेदभाव और नफरत करेंगे तो हमारी पहचान ख़तरे में पड़ जाएगी. संघ के इस कार्यक्रम में भारत के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरु को कोट करते हुए पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा, "राष्ट्रवाद को किसी भाषा, जाति और धर्म से बांधा नहीं जा सकता."


RSS ने अंग्रेजों का साथ दिया, गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को बंदूक RSS के नेता ने दी थी: कांग्रेस


पढ़ें, मुखर्जी ने और कौन सी बड़ी बातें कहीं




  • भारत को हठधर्मिता, असहिष्णुता और धर्म के आधार पर परिभाषित नहीं किया जा सकता. अगर हम भेदभाव और नफरत करेंगे तो हमारी पहचान ख़तरे में पड़ जाएगी.

  • अपने भाषण की शुरुआत में उन्होंने कहा कि वो सबसे पहले ‘राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशप्रेम’ के बारे में बात करना चाहेंगे.

  • भारत के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरु को कोट करते हुए मुखर्जी ने कहा- राष्ट्रवाद किसी भाषा, जाति और धर्म से बंधी नहीं सकती.

  • देश के लिए समर्पण ही देशभक्ति है. भारत का राष्ट्रवाद वसुधैव कुटुम्बकम से प्रेरित है.

  • भारत के दरवाज़े पहले से दुनिया के लिए खुले हैं. बौद्धा धर्म का प्रचार प्रसार दुनिया भर में हुआ.

  • 1800 सालों तक भारत दुनिया के लिए शिक्षा का केंद्र रहा. इसी काल में चाण्क्य ने अर्थशास्त्र लिखा.

  • अलग-अलग रंग, भाषा और धर्म के लोग भारत की पहचान हैं.

  • कई शासकों के राज के बाद भी सुरक्षित है भारत की पहचान.

  • आज गुस्सा बढ़ रहा है, हर दिन हिंसा की खबर आती है. हिंसा और गुस्सा को छोड़कर हम शांति के रास्ते पर चलें.

  • गांधी जी ने कहा था कि भारतीय राष्ट्रवाद ना तो एकांतिक और ना ही हिंसात्मक है.


अपने भाषण से मुखर्जी ने उन तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया जो उनके बारे में लगाई जा रही थीं. ऐसी अटकलें थीं कि वो संघ से जुड़ी राजनीति पार्टी बीजेपी के करीब जा सकते हैं. लेकिन नेहरु से गांधी तक के राष्ट्रवाद पर बात करके उन्होंने साफ कर दिया की ऐसा तमाम राजनीतिक अफवाहें बेकार हैं. इससे ये भी साफ हो गया कि कांग्रेस और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का उनसे नाराज़ होना बेकार था.


ये भी पढ़ें
संपर्क फॉर समर्थन: शाह से मिलने के बाद गठबंधन सहयोगी सुखबीर बादल ने दिया आत्मविश्वास से लबरेज बयान
पंचकूला हिंसा: रामरहीम की करीबी हनीप्रीत को झटका, नहीं मिली जमानतबिहार:
RLSP के कार्यकारी अध्यक्ष बोले- उपेंद्र कुशवाहा को सीएम के लिए प्रोजेक्ट किया जाए
मुखर्जी के RSS के कार्यक्रम में जाने के फैसले पर नहीं, वहां कही गई उनकी बातों पर होनी चाहिए बहस: सिंघवी
प्रणब मुखर्जी RSS के जिस 'तृतीय वर्ष वर्ग' को करेंगे संबोधित, मोदी भी रह चुके हैं उसका हिस्सा