Nehru Memorial Museum And Library: केंद्र सरकार ने दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में मौजूद नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी (NMML) का नाम बदलकर 'प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्कालय सोसायटी' कर दिया है. नाम बदलने को लेकर बवाल हो गया है और कांग्रेस नेता इसकी आलोचना कर रहे हैं.
केंद्र सरकार के इस कदम पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. कांग्रेस ने इस कदम की तीखी आलोचना की है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार (16 जून) को समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि हम अभी भी नेहरू मेमोरियल नाम को बरकरार रख सकते हैं.
नेहरू सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे- थरूर
सांसद शशि थरूर ने कहा, "नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और लाइब्रेरी ये एक ओरिजनल नाम है, लेकिन अब आप (सरकार) इसे सभी प्रधानमंत्रियों के संग्रहालय में बदल रहे हैं. यह ठीक है लेकिन आप अभी भी इसका नेहरू मेमोरियल नाम रख सकते हैं क्योंकि वह देश के पहले और सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे थे... क्या हम अतीत को अतीत में नहीं छोड़ सकते हैं और जो हुआ है उसे स्वीकार करते हुए आगे बढ़ते हैं... अब समझौते की भावना गायब लगती है, यह सब चीजों को नीचे गिराने जैसा है."
मल्लिकार्जुन खरगे की तीखी प्रतिक्रिया
तीन मूर्ति भवन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक घर था. मगर, संस्कृति मंत्रालय ने शुक्रवार (16 जून) को कहा कि एनएमएमएल की एक विशेष बैठक में इसका नाम बदलने का फैसला लिया गया है. वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नेहरू स्मारक संग्रहालय का नाम बदले जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया.
खरगे ने लिखा, ''जिनका कोई इतिहास ही नहीं है वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं! नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार और लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख्सियत को कम नहीं किया जा सकता. इससे केवल बीजेपी-आरएसएस की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है.''
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