Omar Abdullah On Nehru Museum Row: नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (Nehru Memorial Museum & Library- NMML) और शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (SKICC)  का नाम बदलने को लेकर बयानबाजी जारी है. इसी बीच गुरुवार (17 अगस्त) को जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा ऐसा करना सही नहीं है. 


नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, '' आप उनका (पूर्व पंडित पीएम जवाहरलाल नेहरू) का नाम इमारतों से हटा सकते हैं, लेकिन दिलों से नहीं मिटा सकते. आप अगर एसकेआईसीसी से शेर-ए-कश्मीर का नाम मिटाओगे या फिर अस्पताल से मिटाओगे तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा. आप सच नहीं छिपा सकते.''


उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?
उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के दिलों में शेर-ए-कश्मीर शेख मोहम्मद अब्दुल्ला का नाम लिखा हुआ है. इमारतों के नाम बदलने से इतिहास नहीं बदल सकता. आज नाम बदलने वाले लोगो कल नहीं रहेंगे, लेकिन नई सरकार आएगी तो नाम वापस आ सकता है.


उनका यह बयान जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तरफ से एसकेआईसीसी (SKICC) का नाम बदल कर उस में से शेर (शेख अब्दुल्ला) का नाम हटाने पर उठे बवाल पर आया है. 


नाम बदलकर कर क्या किया गया?
नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी कर दिया गया. एनएमएमएल पहले देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को समर्पित था, लेकिन सरकार ने अन्य सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों को इसमें प्रमुखता से स्थान देने के लिए इसका नाम बदलने का निर्णय लिया था. 






कांग्रेस क्या बोली?
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी भय, हीन भावना और असुरक्षा से भरे नज़र आते हैं, विशेष रूप से तब, जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री की आती है. उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को गलत ठहराना, बदनाम करना, तोड़-मरोड़ कर पेश करना और नष्ट करना है। उन्होंने ‘एन’ को मिटाकर उसकी जगह ‘पी’ लगा दिया है. यह पी वास्तव में ‘पिटीनेस’ (ओछापन) और ‘पीवी’ ( द्धेष) को दर्शाता है.’’


इनपुट भाषा से भी. 


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