Neom The Line City: सऊदी अरब बना रहा 170 किमी लंबा वर्टिकल शहर, चौड़ाई होगी केवल 200 मीटर
इस प्रोजेक्ट को नियोम 'द लाइन' सिटी नाम दिया गया है. 29 जुलाई को क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के डिजाइन को दुनिया के सामने रखा है.
Neom The Line City: सऊदी अरब (Saudi Arab) 170 किमी लंबी एक ऐसी अल्ट्रा मॉडर्न सिटी बनाने जा रहा है जो किसी अजूबे से कम नहीं होने वाली है. पहाड़ी रेगिस्तान में जहां न पीने का पानी है न पेड़ की छांव, वहां ये शहर हरियाली और प्रकृति से भरपूर होगा. इस शहर में ऐसी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी जो सिर्फ हॉलीवुड फिल्मों में ही देखने को मिलती हैं.
इस प्रोजेक्ट को नियोम 'द लाइन' सिटी (Neom City Project) नाम दिया गया है. 'द लाइन' इसलिए क्योंकि यह शहर एकदम सीधी रेखा में बनेगा. 29 जुलाई को क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Mohammed Bin Salman) ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के डिजाइन को दुनिया के सामने रखा है.
कोई रोड नहीं, कोई कार नहीं, जीरो कार्बन उत्सर्जन
इस पूरे शहर में कोई रोड नहीं होगी और न ही कारें चलेंगी. शहर के एक सेक्शन से दूसरे सेक्शन को जोड़ने के लिए हाई स्पीड ट्रेनें चलेंगी. दावा है कि ये शहर पूरी तरह रिन्यूएबल एनर्जी पर चलेगा और जीरो कार्बन एमीशन वाला शहर होगा. ये शहर तीन लेवल का होगा. ऊपरी तल पर सिर्फ हरियाली से भरपूर प्राकृतिक दृश्य होंगे. दूसरे तल पर लोग रहेंगे.
स्कूल, हॉस्पिटल और मॉल जैसी दैनिक जीवन से जुड़ी सभी सुविधाएं रहेंगी. सभी जरूरत की चीजें सिर्फ 5 मिनट की वॉकिंग डिस्टेंस पर होंगी. तीसरे और सबसे निचले तल पर हाई स्पीड ट्रेनें चलेंगी. 170 किमी लंबे शहर के कोने से दूसरे कोने में पहुंचने में सिर्फ 20 मिनट का समय लगेगा. ये मेगासिटी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलेगा. योजना के मुताबिक यहां ड्रोन टैक्सी हवा में चलने वाली होगी. जुरासिक पार्क फिल्म में दिखाए गए एम्यूजमेंट पार्क जैसे पार्क होंगे और एक बड़ा आर्टीफीशियल चांद होगा.
8 कुतुब मीनार जितनी ऊंचाई
अभी तक हमने देखा है कि शहर का फैलाव क्षैतिज रूप से होता है जबकि इस शहर का फैलाव क्षैतिज न होकर वर्टिकल होने वाला है. यानी नीचे से ऊपर की ओर. जिसकी ऊंचाई 500 मीटर रहेगी. इसे आसान शब्दों में समझें तो कुतुब मीनार की ऊंचाई 73 मीटर है यानी एक के ऊपर लगभग 8 कुतुब मीनार जितनी ऊंचाई में शहर बसेगा.
एफिल टॉवर की ऊंचाई 350 है यानी ये शहर एफिल टॉवर से भी ज्यादा ऊंचा होगा. इस शहर में 90 लाख लोगों के रहने की व्यवस्था होगी. 200 मीटर चौड़ाई में एक सीधी रेखा में बनने वाले इस 'दि लाइन' शहर की बाहरी दीवारें मिरर फेस्ड होंगी.
कहां बनेगा ये शहर?
भविष्य का ये शहर UAE के तबूक के पास बसाया जा रहा है. जिसके एक तरफ गल्फ ऑफ अकाबा है तो दूसरी तरफ रेड सी. नियोम से 5 किमी दूर मिस्र का शहर है जो एक टूरिस्ट हॉटस्पॉट के रूप में पहले ही विकसित हो चुका है. योजना है कि इन दोनों शहर को एक ब्रिज के जरिए जोड़ा जाएगा. 'दि लाइन' सिटी भौगोलिक रूप से एक ऐसी जगह पर स्थित है जहां पर दुनिया की 40% जनसंख्या मात्र 6 घंटे में पहुंच सकेगी.
2030 तक बनाने का है लक्ष्य
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने 2017 में इस प्रोजेक्ट की घोषणा की थी और 'दि लाइन' प्रोजेक्ट को 2030 तक बना लेने का लक्ष्य रखा था. अनुमान के मुताबिक इस शहर को बनाने में 500 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा. इस शहर को यूरोपीय देश बेल्जियम के बराबर पर बसाया जाएगा. इस शहर का क्षेत्रफल 30,528 वर्ग किमी है. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ये शहर न्यूयॉर्क से लगबग 33 गुना बड़ा होगा.
तेल से निर्भरता खत्म करने की तैयारी
लगातार खत्म होता पेट्रोलियम खाड़ी देशों के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहा है. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसार 2052 तक या तो तेल के रिसोर्सेज एकदम खत्म हो जाएंगे या तो उसे निकालना प्रॉफिटेबल ही नहीं रहेगा. इसलिए सऊदी प्रिंस ने सऊदी को रिब्रांड करने की योजना बनाई है, जिसका नाम दिया है "विजन 2030".
इस योजना का उद्देश्य दुबई और अबू धाबी जैसे अपने खाड़ी पड़ोसियों को टूरिज्म इंडस्ट्री के क्षेत्र में टक्कर देना भी है. लक्ष्य यह भी है कि इससे 100 मिलियन वार्षिक टूरिस्ट यहां आएं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को अरबों डॉलर तक बढ़ावा मिलेगा.
वाटर ग्लोब करेगा पानी की आपूर्ति
UAE फिलहाल समुद्र के पानी को शुद्ध करके ही अपनी जनता के लिए पीने का पानी पहुंचाता है. जिसकी लागत काफी ज्यादा होती है. इसलिए नियोम जैसी अल्ट्राटेक सिटी को पानी देने के लिए एक नई तकनीकि अपनाई जा रही है.
जिसमें ग्लास के बड़े बड़े ग्लोब नुमा तालाब तैयार किए जाएंगे, जिसमें समुद्र का पानी आएगा और उसे सोलर एनर्जी से गर्म किया जाएगा. फिर उसकी वाष्प को ठंडा करके पीने लायक पानी बनाया जाएगा. इसे बनाने में न सिर्फ रिन्यूएबल एनर्जी इस्तेमाल की जाएगी बल्कि इसे बनाने की लागत में भी कमी आएगी. माना जा रहा है कि इससे प्रतिदिन 5 करोड़ लीटर फ्रेश पानी बनाया जाएगा. वर्तमान में जहां 1000 लीटर पीने के पानी को बनाने की लागत 1 डॉलर आती है वहीं इस विधि से पानी बनाने की लागत में 62 फीसदी कम लागत आएगी. यानी 38 सेंट में 1000 लीटर पीने का पानी तैयार कर लिया जाएगा.
कहां से आएगा फंड?
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के अनुसार, नियोम बिजनेस जोन को 2024 में सऊदी स्टॉक मार्केट में सूची बद्ध कराया जाएगा. सऊदी अरब नियोम इन्वेस्टमेंट फंड के नाम पर 300 बिलियन रियाल अलग रखेगी.
क्राउन प्रिंस के मुताबिक 2030 तक पूरा होने वाले नियोम के पहले चरण पर 1.2 ट्रिलियन रियाल का खर्च आएगा. इसका आधा खर्च सऊदी संप्रभु धन कोष (सॉवरेन वेल्थ फंड) उठाएगा. इसके अलावा दुनिया को नियोम में इन्वेस्ट करने के लिए भी बुलाया जा रहा है. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी अल्ट्रा हाईटेक सिटी को बनाना 2030 तक पॉसिबल नहीं है.
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