Nepali Flood: मूसलाधार बारिश ने नेपाल में तबाही मचा दी है. इस बारिश की वजह से यहां पर बाढ़ आ गई है. अब तक 112 लोगों की मौत हो गई है. बारिश की वजह से नेपाल के कई हिस्से जलमग्न हो गए हैं. आपदा आधिकारियों ने बाढ़ को लेकर चेतवानी जारी की है. 


बाढ़ की वजह से लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर भेजा जा रहा है. वहीं, शैक्षणिक संस्थानों को तीन दिनों के लिए बंद करने का फैसला किया गया है. 


लापता लोगों की हो रही हैं तलाश


नेपाल पुलिस और एपीएफ ने बताया है कि बारिश की वजह से अभी तक 112 लोगों की मौत हो गई. कई लोग लापता हैं और उनकी तलाश की जा रही हैं. अभी तक 3000 लोगों को बचाया जा चुका हैं. बारिश की वजह से  63 स्थानों पर मुख्य राजमार्ग अवरुद्ध हैं. 


लगातार हो रही बारिश की वजह से नेपाल में हजारों लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर विस्थापित कर दिया है. सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. कारें और मकान पानी में डूब गए हैं.


'40-45 साल में नहीं देखी इतनी विनाशकारी बाढ़'


प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उन्होंने काठमांडू घाटी में पिछले 40-45 साल में इतनी विनाशकारी बाढ़ नहीं देखी. सशस्त्र पुलिस बल ने एक बयान में कहा कि मृतकों की संख्या 102 हो गयी है. इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटेग्रेटेड माउनटेन डेवलेपमेंट (आईसीआईएमओडी) में जलवायु और पर्यावरण विशेषज्ञ अरुण भक्ता श्रेष्ठ ने कहा, 'मैंने काठमांडू में पहले कभी इतने बड़े पैमाने पर बाढ़ नहीं देखी.' 


आईसीएमओडी द्वारा शनिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि काठमांडू की मुख्य नदी बागमती शुक्रवार और शनिवार को पूर्वी तथा मध्य नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसमें कहा गया है कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव की प्रणाली और मानसून की स्थिति के कारण शनिवार को असाधारण रूप से तीव्र वर्षा हुई. वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे एशिया में बारिश की मात्रा और समय में बदलाव आ रहा है. 


(इनपुट भाषा के साथ)