काठमांडू: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेपाल दौरे का आज आखिरी दिन है. इस दौरान मोदी ने भारत-नेपाल के सामरिक रिश्तों पर बातचीत के साथ-साथ वहां के कई मंदिरों का भी दौरा किया. मोदी ने नेपाल में पशुपतिनाथ मंदिर, जानकी मंदिर और मुक्तिनाथ मंदिर का दौरा किया. कहा जा रहा है कि पीएम मोदी इसके जरिए हिंदू धर्म के दोनों समुदाय शैव और वैष्णवों को साधने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं नरेन्द्र मोदी के मंदिर जाने पर कई सवाल भी उठ रहे हैं. कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नेपाल में मंदिर जा कर कर्नाटक चुनाव पर प्रभाव डालने की कोशिश कर रहे हैं.


जानकी मंदिर- मंजीरा बजाया


मोदी ने अपनी यात्रा की शुरूआत ही माता सीता के जन्मस्थल जनकपुर से किया. यह पहला मौका था जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने अपने दौरे की शुरुआत काठमांडू के बजाए जनकपुर से की. जनकपुर पहुंचकर मोदी जानकी मंदिर गए जहां पर उन्होंने पूजा अर्चना की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''जनकपुर धाम आकर ऐसा नहीं लगा कि मैं किसी दूसरी जगह पर पहुंच गया हूं. सब कुछ अपने जैसा है, सब कोई अपने जैसा है. नेपाल आध्यात्म और दर्शन का केंद्र रहा है."


यहां पर मोदी षोडशोपचार पूजा में शामिल हुए और मंदिर में मंजीरा भी बजाया. षोडशोपचार पूजा विशेष अतिथि द्वारा किया जाता है. मोदी से पहले पूर्व राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी, ज्ञानी जैल सिंह और प्रणब मुखर्जी ने भी नेपाल दौरे के समय षोडशोपचार पूजा किया था. पीएम मोदी करीब 45 मिनट मंदिर परिसर में रहे.


मुक्तिनाथ मंदिर - ढोल बजाया


इसके बाद मोदी ने अपने दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत मुक्तिनाथ मंदिर से की. वो वहां पहुंचकर पूजा अर्चना की और मौजूद लोगों से मुलाकात भी की. जानकी मंदिर की तरह मोदी ने यहां पर ढोल बजाया.


पशुपतिनाथ मंदिर- पूजा अर्चना की 


मोदी अपने नेपाल दौरे के आखिरी दिन आखिरी मंदिर दर्शन के तौर पर पशुपतिनाथ मंदिर गए. उन्होंने पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की. यहां उन्होंने विशेष तौर पर भगवान शिव की पूजा की.


मोदी ऐसे वक्त पर नेपाल में मंदिर-मंदिर के दर्शन और पूजा अर्चना कर रहे हैं जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव में आज वोट डाले जा रहे हैं.